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मध्यप्रदेश

पुलिसकर्मियों को हर 10 वर्ष में अनिवार्य रूप से मिलेगा समयमान वेतनमान

भोपाल। तरह-तरह की दिक्कतों के चलते बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी समयमान वेतनमान से वंचित रह जाते हैं। अब पुलिस मुख्यालय ने साफ निर्देश दिए हैं कि पुलिस के सभी अधिकारी और जवानों को हर 10 वर्ष में समयमान वेतनमान दिया जाए।

किसी पुलिसकर्मी का स्थानांतरण होता है तो उस जिले के संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि उसका पूरा सेवा रिकार्ड पूर्व के जिले से मंगाकर समयमान वेतनमान दिया जाए। सबसे ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी इसी कारण से समयमान वेतनमान से वंचित रह जाते हैं।

इस संबंध में पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा ने इसी माह पुलिस की सभी ईकाइयों को निर्देश दिए हैं। दरअसल, सीधी भर्ती के सभी संवर्ग में अधिकारी-कर्मचारियों को समयमान वेतनमान देने की कार्यवाही नियुक्तिकर्ता अधिकारी की अध्यक्षता में गठित रेंज स्तरीय समिति द्वारा की जाती है।

पुलिस में सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्त अधिकारियों को समयमान वेतनमान देने की कार्यवाही कई साल बाद शुरू की जा रही है। दूसरी दिक्कत यह है कि जिन अधिकारी-कर्मचारियों का स्थानांतरण हो जाता है उन्हें समयमान वेतनमान देने के लिए उसका पूरा प्रकरण पूर्व के जिलों को भेजा जाता है या उस जिले से पूरा ब्योरा मंगाया जाता है।

अब पुलिस महानिदेशक ने साफ निर्देश दिए हैं कि समयमान में वेतन में किसी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि पहले दो समयमान मिलते थे। एक जुलाई 2014 को जारी आदेश के बाद तीसरा भी दिया जाने लगा।

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