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मध्यप्रदेश

भूमिगत मेट्रो के लिए खाली करनी होगी आरा मशीन और ईरानी डेरा की जमीन

भोपाल। राजधानी में मेट्रो पातरा नाले से बड़ा बाग के बीच करीब दो किलोमीटर भूमिगत चलेगी। आरा मशीन के पास से मेट्रो जमीन के 20 मीटर गहरी टनल में प्रवेश करेगी, जो सिंधी कालोनी के पास स्थित बड़ा बाग में सुरंग से बाहर आएगी। सुरंग का प्रवेश द्वार और रेलवे स्टेशन के पास मेट्रो स्टेशन बनाने के लिए आरा मशीन और ईरानी डेरा की जमीन खाली कराई जाएगी। वहीं बड़ा बाग से करोंद के बीच का मार्ग एलिवेटेड होगा। इसके लिए दोनों ओर करीब 300 से अधिक निर्माण तोड़ना पड़ेंगे।

मेट्रो परियोजना के पहले चरण में एम्स से करोंद तक 16.8 किलोमीटर का मार्ग प्रस्तावित है। इसमें एम्स से सुभाष नगर तक करीब छह किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी कारिडोर का निर्माण कार्य 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। इसके आगे पातरा नाले से करोंद तक भूमिगत और एलिवेटेड कारिडोर के निर्माण कार्य के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। अधिकारियों की मानें तो बड़ा बाग से करोंद तक मेट्रो की लाइन सड़क के बीच में रहेगी इसलिए काम के दौरान ज्यादा परेशानी नहीं आनी चाहिए। सड़क के दोनों ओर बने निर्माणों को तोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।

एम्स से सुभाष नगर तक 300 झुग्गीवासियों को मिले मकान

फिलहाल मेट्रो कंपनी एम्स से सुभाष नगर तक कारिडोर निर्माण पर फोकस कर रही है। इसके बीच पियर्स खड़े करने के बाद गर्डर डाले जा चुके हैं। इस दौरान आजाद नगर, अर्जुन नगर और सीआइ कालोनी की झुग्गियों को भी हटाया गया है। यहां रहने वाले 300 परिवारों को मेट्रो कंपनी द्वारा नगर निगम की आवासीय परियोजनाओं में निश्शुल्क आवास भी उपलब्ध कराए गए हैं।

आरा मशीन शिफ्टिंग के बाद शुरू होगा भूमिगत मेट्रो का काम

मप्र मेट्रो रेल कारर्पोरेशन के अधिकारियों ने बताया कि आरा मशीन के पास से मेट्रो भूमिगत सुरंग में प्रवेश करेगी। इसके लिए आरा मशीनों को हटाया जाना है। इनकी शिफ्टिंग के लिए अगरिया में जगह चिंहित की गई है। जिला प्रशासन और मेट्रो के अधिकारियों के साथ आरा मशीन संचालकों ने इस जमीन का निरीक्षण भी किया है। इसके हटने के बाद भूमिगत मेट्रो का निर्माण शुरू होगा।

इनका कहना

पहले चरण में एम्स से करोंद तक मेट्रो रेल का संचालन किया जाएगा। इसके लिए 920 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए गए हैं। मेट्रो परियोजना के दायरे में आने वाले निर्माण हटाए जाएंगे।

– मनीष सिंह, एमडी, मप्र मेट्रो

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