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अधिकारी के बेटे को बिना परीक्षा के सरकारी नौकरी, संयुक्त संचालक बर्खास्त।

भोपाल। मध्य प्रदेश में जहां एक सरकारी नौकरी के पीछे लगभग 350 बेरोजगार कड़ी परीक्षा में शामिल होते हैं वहीं दूसरी ओर शासन की नीतियों में गड़बड़ी का फायदा उठाते हुए कुछ अधिकारी जिसे चाहे उसे सरकारी नौकरी दे देते हैं। शहडोल में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संयुक्त संचालक ने अपने बेटे को बिना परीक्षा, परमानेंट सरकारी नौकरी पर नियुक्त कर दिया। मकबूल खान, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन बर्खास्त मकबूल खान, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में शहडोल संभाग के संयुक्त संचालक एवं जिला चयन समिति के अध्यक्ष थे। जांच के दौरान पाया गया कि उपरोक्त पदस्थापना के दौरान दिनांक 5 जुलाई 2019 से 5 दिसंबर 2021 तक के बीच उन्होंने 3 संविदा कर्मचारी एवं 246 मानदेय कर्मचारियों का नियम विरुद्ध संविलियन करवाया है। दिनांक 20 दिसंबर 2022 को मकबूल खान का पक्ष सुना गया। इसके बाद मकबूल खान को दोषी पाया गया और बर्खास्त कर दिया गया है। उनके गलत फैसलों के कारण सरकार को 3.20 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ इसलिए इसकी वसूली के आदेश भी जारी किए गए हैं। अधिकारी के बेटे को बिना परीक्षा के सरकारी नौकरी इन्वेस्टिगेशन में यह भी पता चला है कि जिन अस्थाई कर्मचारियों को मकबूल खान द्वारा नियम विरुद्ध नियमित किया गया उनमें एक नाम उनके अपने बेटे आदिल खान का भी है। आदिल खान का संविलियन भी सहायक वर्ग-3 के पद पर नगर परिषद बकहो में हुआ है। यह भी कहा गया है कि आदिल खान विभाग में अस्थाई कर्मचारी भी नहीं था। जब अस्थाई कर्मचारियों के संविलियन की नीति बनी तो मौके का फायदा उठाकर मकबूल खान ने अपने बेटे को बिना परीक्षा और इंटरव्यू के परमानेंट नौकरी दिलवा दी।

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