ब्रेकिंग
मुरैना के सबलगढ़ में जमीनी विवाद में चले लाठी-डंडे फायरिंग एक गंभीर घायल गुजरात के खेड़ा जिले में नहाने गए छह भाई-बहन, एक-एक कर के लील गई नदी, गर्मी से राहत की जगह मिली मौत उज्जैन स्लीपर बस पलटी गर्भवती महिला सहित 9 घायल केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा
धार्मिक

हरियाली तीज पर इस तरह करें पूजा हर मनोकामना होगी पूरी

सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 18 अगस्त 2023 को रात 08:01 बजे आरंभ होगी। इस तिथि का समापन 19 अगस्त 2023 को रात 10:19 पर होगा। इस तिथि को हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है। हर साल सुहागिन महिलाएं हरियाली तीज का व्रत करती हैं, जिससे उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हो। माना जाता है कि हरियाली तीज के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। हरियाली तीज के दिन व्रत रखने से पति की उम्र लंबी होती है। साथ ही दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है।

हरियाली तीज शुभ मुहूर्त

हरियाली तीज के दिन शुभ मुहूर्त सुबह 07:47 से सुबह 09:22 तक है। इसके बाद दोपहर में शुभ मुहूर्त 12:32 से दोपहर 02:07 तक है। शाम के मुहूर्त की बात करें तो शाम 06:52 से रात 07:15 तक है। साथ ही रात का मुहूर्त प्रातः 12:10 से प्रातः 12:55 तक है।

हरियाली तीज व्रत

हरियाली तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर हरे रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव का ध्यान करते हुए निर्जला व्रत का संकल्प लें। फिर एक चौकी पर गंगाजल और शुद्ध मिट्टी मिलाकर शिवलिंग, पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा बनाएं। निर्जला व्रत करने में सक्षम नहीं हैं तो फलाहार व्रत का संकल्प भी ले सकते हैं।

हरियाली तीज पूजा विधि

हरियाली तीज की पूजा के दौरान शिवजी को धतूरा, सफेद फूल, बेलपत्र, आम के पत्ते आदि चढ़ाएं। माता पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें। शिव पुराण, शिव स्त्रोत और शिव मंत्रों का जाप करें। हरियाली तीज की कथा सुनें। शाम के समय भी इसी विधि-विधान से माता पार्वती और शिवजी की पूजा करें। शाम के समय भगवान शिव की आरती करें। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती के सामने हाथ जोड़कर अपनी मनोकामना बोलें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Related Articles

Back to top button