ब्रेकिंग
मुरैना के सबलगढ़ में जमीनी विवाद में चले लाठी-डंडे फायरिंग एक गंभीर घायल गुजरात के खेड़ा जिले में नहाने गए छह भाई-बहन, एक-एक कर के लील गई नदी, गर्मी से राहत की जगह मिली मौत उज्जैन स्लीपर बस पलटी गर्भवती महिला सहित 9 घायल केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा
मुख्य समाचार

इंदौर। सॉफ्टवेयर इंजीनियर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ।

इंदौर। एक युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर की संदिग्ध मौत हो गई। उस की डेड बॉडी एक ऐसे स्टूडेंट के रूम पर मिली जिसे वह जानता था कि नहीं था। पुलिस का अनुमान है कि नशे की ओवरडोज के कारण सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मौत हुई होगी। मृतक का नाम सार्थक जायसवाल बताया गया है। इंदौर मूल का रहने वाला है और गुजरात की किसी कंपनी के लिए काम करता था। इंदौर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर, इंजेक्शन लेकर सोया फिर उठा ही नहीं सॉफ्टवेयर इंजीनियर सार्थक जायसवाल नशे की लत लग चुकी थी। मंगलवार रात में वह परिवार से झगड़ा करने के बाद घर छोड़कर चला गया था। उसे एक अनजान युवक रास्ते में मिला, जिससे उसने लिफ्ट मांगी। इसी अनजान युवक सुभाष लोट ने ही पुलिस को सूचना दी थी। सुभाष ने पुलिस को बताया था कि उसने सार्थक को लिफ्ट दे दी। वह द्वारकापुरी कॉलोनी में किराए के कमरे में रहता है। बातों-बातों में सार्थक ने उसे बताया कि वह इंदौर में कमरा ढूंढ रहा है। दोनों की दोस्ती हो गई और सुभाष उसे अपने कमरे पर ले आया। यहां सार्थक ने सोने से पहले नशे का इंजेक्शन लिया। सुभाष ने टोका तो बोला- इंजेक्शन के बिना उसे नींद नहीं आती। सार्थक सो गया और फिर सुबह नहीं उठा। इंदौर पुलिस का डाउट, दोनों की पुरानी दोस्ती इधर, पुलिस को सुभाष की लिफ्ट वाली कहानी पर शक है। पुलिस जब सुभाष के कमरे में पहुंची तो वहां एक ही बिस्तर लगा हुआ था। पुलिस को शक है कि सुभाष सार्थक को पहले से जानता था। संभवत: वह भी नशा करता है। फिलहाल पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर, 2 साल से नशे की गिरफ्त में था एसआई केदार पांडे के मुताबिक सार्थक (26) पिता हेमंत जायसवाल निवासी वैशाली नगर का शव एक कमरे पर मिला था। मृतक के परिवार ने बताया कि उसे 2 साल से नशे की लत थी। पिता हेमंत ने बताया कि वह बेटे को समझाते थे, लेकिन वह चोरी छिपे नशा करता था। उसे नशे की लत कैसे लगी इसके बारे में वह कुछ भी नहीं बता पाए। लॉकडाउन के बाद वर्क फ्रॉम होम ही कर रहा था सार्थक के पिता हेमंत ठेकेदारी करते हैं। वैशाली नगर में हेमंत पत्नी, बेटे सार्थक और बेटी के साथ रहते थे। सार्थक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसने इंदौर से ही पढ़ाई की थी, जिसके बाद उसका सिलेक्शन बेंगलुरु में बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी में हो गया था। इसके बाद वह गुजरात चला गया। लॉकडाउन के बाद वह वर्क फ्रॉम होम ही कर रहा था। कुछ दिनों से वह अपने काम पर भी ध्यान नहीं दे रहा था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button