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मध्यप्रदेश

लोकायुक्त ने स्वास्थ्य अधिकारी से रिश्वत मांगने वाले लेखापाल को रंगे हाथ पकड़ा, पत्नी पर भी चल रही जांच

खरगोन जिला मुख्यालय से 65 किमी दूर झिरन्या के स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी से अवकाश व प्रोत्साहन की राशि 1 लाख 33 हजार रुपए निकालने के लिए 45 हजार की रिश्वत मांगने वाले लेखापाल और उसके साथी को लोकायुक्त ने रंगेहाथों पकड़ा है। फरियादी की पत्नी बीमार थी। उनका निधन हो गया था। इसके चलते वह दो माह से अवकाश पर थे।

लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण बघेल के अनुसार फरियादी निकेश कनाड़े मनावर के निवासी है। वह झिरन्या के स्वास्थ्य केंद्र के तहत उपस्वास्थ्य बड़ी में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी हैं। उनकी पत्नी की बीमारी के कारण उन्होंने दो माह का अवकाश लिया था। अवकाश व प्रोत्साहन की राशि 1 लाख 33 हजार रुपये हुई। यह राशि बीएमओ कार्यालय झिरन्या में रुकी थी।

लेखापाल ने की मांग

स्वास्थ्य अधिकारी ने विभाग के लेखापाल आनंद कनेल से निकालने की मांग की। इस पर लेखापाल ने कहा कि राशि तो मैं निकाल दूंगा,लेकिन इसके एवज में 56 हजार रुपए की रिश्वत देना होगी। इसमें फरियादी ने पांच हजार रुपए एडवांस राशि दी गई। इसके बाद फरियादी ने एसपी लोकायुक्त इंदौर को शिकायत कर दी। साथ ही कुछ साक्ष्य भी दिए।

बुधवार को दोपहर करीब 1.30 बजे स्वास्थ्य अधिकारी निकेश कनाड़े ने लेखापाल से कहा कि राशि देने आ रहा हूं। इसमें लेखापाल ने शक्ति मशीनरी स्टोर्स पर शिवराज यादव नामक व्यक्ति को राशि देने को कहा। यहां जैसे ही 45 हजार रुपये की राशि शिवराज को दी लोकायुक्त ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। मामले में लोकायुक्त ने लेखापाल व उसके साथी को पकड़ा। आरोपितों को पक़ड़ने के बाद रेस्ट हाउस लाया गया। यहां पूरी कार्रवाई की गई।

सहमति पर छोड़ा, साथी पर जांच जारी

डीएसपी ने बताया कि आरोपित लेखापाल आनंद कनेल को सहमति पर छोड़ा है। उसके साथी शिवराज पर जांच जारी है। जांच व वरिष्ठ अफसरों के मार्गदर्शन के अनुसार ही आगे की प्रक्रिया होगी। आरोपित के खिलाफ धारा 7 भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई हुई है। आनंद कनेल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 2007 में स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ है। वह झिरन्या में ही कई सालों से काम कर रहे हैं।

छात्रावास अधीक्षिका पत्नी की चल रही है जांच

आनंद कनेल की पत्नी मंजू कनेल आदर्श एकलव्य विद्यालय छात्रावास अधीक्षिका थी। यहां जुलाई माह में भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी। 7 जुलाई को दुकान से छात्रावास राशन पहुंचने के दो घंटे के बाद बाजार में बिक्री हो गई थी। शिकायत के बाद मंजू को खरगोन अटैच किया था। उस दौरान की कार्रवाई में आरोप था कि आनंद कनेल के अंगूठे से राशन निकाला जाता था। अवकाश के दिनों में ही तीन माह के राशन के बिल लगाकर राशि निकाली गई थी।इसकी जांच चल रही है। अब आनंद पर रिश्वत लेने के आरोप में कार्रवाई हुई है।

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