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मध्यप्रदेश

शराब दुकान के बाजू से बंद कराई दूध की बिक्री, बेतुके जवाब देकर कार्रवाई को सही ठहराने में जुटे आबकारी अधिकारी

भोपाल ।  यदि आबकारी विभाग के अधिकारी कहे कि शराब की बिक्री के लिए लाइसेंस लेना जरूरी है, तब तो ठीक है, क्योंकि इसके अधिक सेवन से सेहत बिगड़ती है। घरों में विवाद भी करा देती है और कई बार इसका अधिक सेवन दुर्घटनाओं का कारण बन जाता है। मौत तक हो जाती है। लेकिन यही अधिकारी कहें कि सेहत बनाने वाले दूध की बिक्री के लिए भी लाइसेंस जरूरी है तो बात खटकती है और फिर कई सवाल खड़े होते हैं। आबकारी विभाग के अधिकारियों को ऐसे ही कई सवालों ने कटघरे में खड़ा कर दिया है। दूध की दुकान बंद कराने वाले अधिकारी बेतुके जवाब देकर कार्रवाई को सही ठहराने में जुट गए हैं। बार-बार बयान बदल रहे हैं। आबकारी विभाग के एक अधिकारी कहते हैं कि कार्रवाई नही की तो दूसरे अधिकारी कहते हैं कि कार्रवाई की, क्योंकि शराब की दुकान से शराब ही बेच सकते हैं, दुकान अंदर से या नजदीक में दूध का ठेला नहीं खोल सकते हैं, लेकिन ठेकेदार ऐसा कर रहे थे इसलिए कार्रवाई करनी पड़ी। दरअसल जहांगीराबाद शराब दुकान के नजदीक शराब ठेकेदार संतोक सिंह ने दूध बेचने के लिए एक ठेला लगाया था, उस पर बैनर भी लगा दिया और संदेश दिया कि शराब सेहत के लिए हानिकारक है इसलिए दूध का सेवन करें। आबकारी का अमला यहां शनिवार शाम को यहां लाव-लश्कर के साथ पहुंचा और दूध की दुकान बंद करा दी। इसके पहले नर्मदापुरम रोड पर सावरकर सेतु के पास एक शराब ठेकेदार ने शराब दुकान से ही दूध की बिक्री शुरू की थी, बकायदा बैनर-पोस्टर लगाए थे। उसे भी आबकारी वाले धमके और न केवल दूध की बिक्री बंद कराई, बल्कि जागरुकता संबंधी बैनर-पोस्टर को भी हटा फाड़ दिया।

एक दे रहा था मुफ्त में दूध की थैली

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नर्मदापुरम रोड स्थित शराब दुकान के ठेकेदार संजय चावला द्वारा पिछले दिनों शराब की एक बोतल के साथ एक लीटर दूध की थैली मुफ्त दी जा रही थी। उन्होंने दुकान में पोस्टर तक चिपकाए थे। जिस पर लिखा था, हमारे यहां गाय का दूध मिलता है। शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

दूसरा पिला रहा था एक गिलास दूध

सूत्र बताते हैं कि जहांगीराबाद स्थित शराब दुकान के ठेकेदार संतोक सिंह ने भी अपनी दुकान के सामने दूध का स्टाल लगवाया था। वह एक बोतल खरीदने पर ग्राहकों को एक गिलास मुफ्त पिलवा रहे थे। जब इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हुआ तो आबकारी की टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करते हुए मुफ्त दूध पिलाने पर रोक लगवा दी थी।

ठेकेदार ने कहा- अब पीछा छोड़ दो, नहीं तो वे नहीं छोड़ेंगे

इस मामले में जब नवदुनिया संवाददाता इन दो में से एक शराब दुकान पर पहुंचकर दूध स्टाल के बारे में जानकारी जुटाई तो वहां मौजूद ठेकेदार ने खुद की पहचान न बताते हुए कहा कि यह मामला पुराना हो गया है। अब इसे छोड़ दो, नहीं तो वे हमें कहीं का नहीं छोड़ेंगे।

जिला आबकारी कंट्रोलर इस तरह बदलते रहे बयान

रविवार रात:- जिला आबकारी कंट्रोलर सजेंद्र मोरी ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली थी। जिसके आधार पर टीम ने दुकानों पर पहुंचकर कार्रवाई करते हुए दूध देने पर रोक लगवा दी थी।

सोमवार दोपहर- जिला आबकारी कंट्रोलर सजेंद्र मोरी से दूसरी बार दोपहर में बात की गई तो उन्होंने दूध बंद कराने की कार्रवाई से मना कर दिया।

सोमवार शाम- जिला आबकारी कंट्रोलर सजेंद्र मोरी से तीसरी बार बात की तो उन्होंने कहा कि शराब दुकान से सिर्फ शराब की बिक्री की जा सकती है, दूध सहित अन्य कोई सामग्री नहीं बेची व दी जा सकती है, इसलिए कार्रवाई की है।
शराब ठेकेदारों द्वारा दुकान से शराब के साथ दूध की थैली मुफ्त देने व एक गिलास दूध पिलाने की जानकारी मिली थी। नियमानुसार दुकान से शराब ही बेची जा सकती है इसके अलावा दूध की थैली तो क्या एक चाकलेट तक नहीं बेची जा सकती है। इस वजह से कार्रवाई करते हुए इन्हें बंद कराया गया है। वहीं यदि शराब दुकान के बाहर कोई भी दूध का स्टाल लगाए या अन्य कोई सामग्री बेचे उस पर आबकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।

– राकेश कुर्मी, प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त, जिला भोपाल

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