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मध्यप्रदेश

करणी सेना और किरार महासभा आमने-सामने!

भोपाल । मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ जातिगत राजनीति भाजपा में भारी पड़ रही है। पिछले दिनों राजधानी भोपाल में आर्थिक आधार पर आरक्षण सहित 22 सूत्रीय मांग को लेकर करणी सेना के आंदोलन और उसके बाद कुछ लोगों की ओर से कथित तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दी गई गालियों का मुद्दा तूल पकड़ गया है। राजपूत संगठन से जुड़े लोगों पर कार्रवाई की मांग तेज हो गई है। अखिल भारतीय किरार छत्रिय महासभा सहित ओबीसी महासभा ने शुक्रवार को प्रदेश भर में जमकर प्रदर्शन किया। किरार छत्रिय महासभा सहित ओबीसी महासभा करणी सेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। गुरुवार को राजधानी भोपाल में पुलिस कमिश्नर से भी  FIR दर्ज कर कार्यवाही की मांग की है। इस बीच मुख्यमंत्री को लेकर आपत्तिजनक नारेबाजी करने वालों की पुलिस ने धरपकड़ शुरू कर दी है। पुलिस ने हरियाणा के ओकेन्द्र राणा को शुक्रवार को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया है। प्रारंभिक पूछताछ में राणा ने बताया कि जंबूरी मैदान में 8 जनवरी को आयोजित करणी सेना परिवार के आंदोलन को समर्थन देने वह भोपाल पहुंचा था। उसने यहां सीएम शिवराज सिंह के खिलाफ अपशब्द का वीडियो भी सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। वीडियो सामने आने के बाद पिपलानी पुलिस ने केस दर्ज किया था। वहीं  करणी सेना परिवार ने ओकेन्द्र की गिरफ्तारी से खुद को अलग कर लिया है। करणी सेना परिवार ने सफाई दी है कि मुख्यमंत्री को अपशब्द कहने वाला ओकेन्द्र राणा का संगठन से लेना-देना नहीं है। वह करणी सेना परिवार का पदाधिकारी भी नहीं है और नाहि ही उसे हमने बुलाया था।सूत्रों के अनुसार भाजपा के दो मंत्रियों को सरपरस्ती में करणीसेना का आरक्षण को लेकर आंदोलन किया गया था।

सीएम को गाली दिलाने में दो मंत्रियों का हाथ
अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट तुलसीराम पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गाली दिलाने के पीछे प्रदेश के मंत्रियों का हाथ है। तुलसीराम ने मंत्री नरोत्तम मिश्रा और अरविंद भदौरिया की शह पर करणी सेना के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को गाली देने का आरोप लगाया है।  तुलसीराम ने कहा कि जब तक करणी सेना के उच्च पदाधिकारियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती ओबीसी महासभा चुप नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा और सरकार में सामंतवाद एवं ब्राह्मणवाद पूरी तरह से हावी है जो ओबीसी-एसटी-एससी अल्पसंख्यक समाज को उनके अधिकारों और उनके मान-सम्मान को बुरी तरह से नष्ट करना चाहते हैं। वे लोग कान खोल के सुन ले। इसका जवाब समय आने पर जरूर दिया जाएगा।

भाजपा के अंदर जातीय लड़ाई शुरु
करणी सेना के आंदोलन के बाद भाजपा भी अंदुरुनी तौर पर जातीय समीकरणों को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। आरक्षण को लेकर राजपूत और अन्य पिछड़ा वर्ग लामबंद हो रहे है। जिसके कारण भाजपा में जातीय विघटन की स्थिति बन रही है। एक वर्ग सवर्ण और दूसरा पिछड़ा और एसएसी/एसटी वर्ग को अपना समर्थन दे रहा है। इसी तरह प्रीतम लोधी और ब्राह्मणों के बीच हुए विवाद के बाद उमा भारती भी अलग राग अलाप रही है।

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