ब्रेकिंग
उज्जैन स्लीपर बस पलटी गर्भवती महिला सहित 9 घायल केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,... पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर खतरा मंडराया, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल
मध्यप्रदेशमुरैना

मुरैना के सबलगढ़ में सिविल अस्पताल में मरीज परेशान, डॉक्टर मनमर्जी से करते हैं इलाज, सभी ने खोल रखे अपने प्राइवेट क्लीनिक, हॉस्पिटल में देते हैं समय कम

सबलगढ़ सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की मनमर्जी चल रही है। इससे मरीजों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबलगढ़ सिविल अस्पताल में ओपीडी में डॉक्टरों के नहीं रहने से मरीजों को हॉस्पिटल से घर वापस जाना पड़ा रहा है। सबलगढ़ सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर प्राइवेट क्लिनिक चला रहे हैं। इससे सरकारी अस्पताल में कम समय देते हैं। वहीं ओपीडी के बाहर बैठने की व्यवस्था नहीं रहने से मरीज और उनके परिजन बाहर जमीन पर बैठने को मजबूर दिखे। पूछने पर कई मरीजों ने बताया कि वे सुबह करीब 9 बजे से डॉक्टर का इंतजार कर रहे है। लेकिन 10.25 बजे तक किसी डॉक्टर ने उनको नहीं देखा। ओपीडी में सर्वप्रथम 10:26 बजे डॉ. एमपी गुप्ता हॉस्पिटल में आए। हालांकि डॉक्टर अरविंद धाकड़ सुबह 8 बजे से इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे हैं।अन्य डॉक्टर का निजी क्लीनिक होने की वजह से सबलगढ़ सिविल अस्पताल में हर दिन डॉक्टर देर से पहुंचते हैं। इसके कारण अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह लचर हो चली है। बता दें कि सबलगढ़ के सरकारी सिविल हॉस्पिटल बीएमओ सहित सभी डॉक्टर द्वारा स्वयं के निजी क्लीनिक खुले हैं।जिसकी वजह से सरकारी डॉक्टर हॉस्पिटल में कम और अपनी क्लिनिकों पर अधिक समय देते हैं। जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। दोपहर 2 बजे की बजाए 1:20 पर ही लंच का समय कर देते है। हॉस्पिटल में देर से आने के बाद भी लंच के निर्धारित समय से पहले ही डॉक्टर हॉस्पिटल छोड़ देते हैं। मरीजों को बहुत परेशानी आ रही है। शाम का समय 5 से 6 का होने से उन्हें घर पहुंचने में रात हो जाती है। अधिकांश डॉक्टर अपने घरेलू व पारिवारिक कार्यों से बाहर गए हुए हैं। अंचल में तैनात सीएचओ को बैठने की व्यवस्था की गई है। सीएमएचओ राकेश शर्मा का कहना है कि सांसद द्वारा नेत्र ऑपरेशन कार्यक्रम में व्यस्त हूं। अभी बीएमओ से बात कर डॉक्टर नहीं आने की वजह की जानकारी लेता हूं। एक साथ सभी डॉक्टरों को छुट्टी नहीं देना चाहिए था। हॉस्पिटल की व्यवस्थाओं पर जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधियों का कोई ध्यान नहीं है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button