ब्रेकिंग
केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,... पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर खतरा मंडराया, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल मध्यप्रदेश में एक मई से होगे ट्रांसफर मुख्यमंत्री ने शिक्षण सत्र खत्म होने के बाद बताया तबादलों का क...
मध्यप्रदेश

भोपाल में उधार का पानी पी रहे ढाई लाख लोग, निगम को 50 करोड़ की चपत

भोपाल।  राजधानी में प्रतिदिन नगर निगम द्वारा साढ़े चार लाख घरों में पानी पहुंचाया जा रहा है। इनमें से करीब दो लाख लोग ही पानी का बिल चुकाते हैं। जबकि हर साल ऐसे ढाई लाख लोग हैं, जो पानी लेने के बाद पैसा नहीं देते हैं। इससे बीते चार वर्ष में नगर निगम को 50 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। लेकिन अतिआवश्यक सेवा होने की वजह से नगर निगम द्वारा बकायादारों के नल कनेक्शन नहीं काटे जाते हैं। इसी छूट का बकायादार फायदा उठा रहे हैं। बता दें कि साढ़े चार लाख कनेक्शन में निजी व व्यावासायिक कनेक्शन शामिल हैं। इनमें से डेढ़ लाख कनेक्शन झुग्गी बस्तियों के रहवासियों को दिए गए हैं। हालांकि निगम द्वारा इसके अलावा सार्वजनिक बोरिंग और टैंकरों से भी पानी की आपूर्ति की जाती है। लेकिन इसका पैसा नहीं वसूला जाता है। ऐसे में नगर निगम को हर वर्ष करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। इसकी भरपाई करने के लिए नगर निगम जल आपूर्ति में होने वाले खर्च में कटौती करने जा रहा है। इसके लिए जल शोधन केंद्र और पंप हाउस में बिजली की खपत कम करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। बता दें कि नगर निगम पानी आपूर्ति के लिए सामान्य घरों से 210 रुपये और गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों से 30 रुपये प्रतिमाह जल उपभोक्ता प्रभार वसूलता है।
– वसूली से ज्यादा बिजली का खर्च
नगर निगम अधिकारियों के अनुसार औसतन हर साल 20 से 25 करोड़ रुपये जल उपभोक्ता प्रभार की वसूली होती है। लेकिन इससे अधिक निगम द्वारा बिजली व अन्य जरूरी संसाधनों में खर्च होता है। अकेले बिजली खपत की बात करें तो जलापूर्ति का खर्च ही हर साल 20 करोड़ रुपये से अधिक है। ऐसे में नगर निगम को जलापूर्ति में कमाई तो छोड़ दें खर्च निकालना भी मुश्किल है।
– पुराने शहर में नहीं होती वसूली
जल उपभोक्ता प्रभार की वसूली में पुराने शहर की हालत सबसे खराब है। यहां करीब ढाई लाख कनेक्शन हैं। लेकिन इनमें से डेढ़ लाख लोग पानी का बिल नहीं चुकाते हैं। हालांकि नगर निगम ने पिछले वर्ष कुछ कालोनियों में कनेक्शन काटे थे। लेकिन जनप्रतिनिधियों के दबाव की वजह से फिर जलापूर्ति सामान्य कर दी गई है।
– बीते चार वर्षों में जलापूर्ति में की गई वसूली
वर्ष—–कुल वसूली योग्य राशि—– वसूली गई राशि
2018-19 —–41 करोड़ रुपये—– 37 करोड़ रुपये
2019-20 —– 32 करोड़ रुपये—– 27 करोड़ रुपये
2020-21 —– 38 करोड़ रुपये—– 21 करोड़ रुपये
2021-22 —–40 करोड़ रुपये—– 18 करोड़ रुपये
(नोट: आंकड़े निगम द्वारा प्राप्त है।)
– शहर में जलापूर्ति करना नगर निगम में जिम्मेदारी है। इसके लिए लोगों के घरों में कनेक्शन दिया गया है। नियमित पानी की आपूर्ति की जाती है। लेकिन लाखों लोग पानी लेने के बाद भी पैसा नहीं चुकाते हैं। अब नगर निगम बकाया पैसा वसूलने के लिए नई रणनीति बना रहा है, ताकि निगम के नुकसान की भरपाई की जा सके।
-उदित गर्ग, मुख्य अभियंता जलकार्य विभाग

Related Articles

Back to top button