बेटे को डाग ने काटा तो धरने पर बैठे शाजापुर नगर पालिका सभापति

शाजापुर। शाजापुर नगर पालिका के सभापति कौशल बंटी कसेरा के बेटे के शुक्रवार को श्वान ने काट लिया। इससे परेशान होकर सभापति नगर पालिका कार्यालय में मुख्य नपा अधिकारी के कक्ष के बाहर जमीन पर धरने पर बैठ गए। खास बात यह है कि शाजापुर नगर पालिका पर भाजपा का कब्जा है और सभापति कौशल कसेरा भी भाजपा के ही पार्षद हैं।
अपनी ही परिषद में सभापति के धरने पर बैठने से हड़कंप मच गया। नपा अधिकारी, अध्यक्ष सहित अन्य सभापति और पार्षद जमीन पर धरने पर बैठे सभापति को समझाने पहुंचे और मान-मनुहार कर धरना सामाप्त करा दिया।
शाजापुर शहर में लगभग हर दिन आवारा श्वान लोगों को शिकार बना रहे हैं। श्वान के काटने से घायल लोग हर दिन उपचार के लिए जिला अस्पाल पहुंच रहे हैं। किंतु जिम्मेदार इस ओर गंभीर नही है, हालांकि अब जब सभापति के बेटे को श्वान ने शिकार बना लिया तो जिम्मेदार परेशान और सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। जल्द ही श्वान को पकड़ने के प्रभारी अभियान शुरू होने की उम्मीद है।
दहशत में रहते हैं शहरवासी
आवारा श्वान के कारण शाजापुर में हर कोई दहशत में है। ये आए दिन किसी न किसी को ये शिकार बना रहे हैं। अब तो ये छोटे गोवंश को भी शिकार करने लगे हैं। बीते दिवस ही एक गोवंश को श्वानों ने घायल कर दिया तो वहीं दूसरी और दोपहिया के पीछे दौड़ लगाकर भी श्वान लोगों को काट रहे हैं। स्थिति यह है कि रात के समय तो सूनसान सड़कों से निकला भी मुश्किल हो जाता है। वाहन या राहगीरों को देखकर आवारा श्वान काटने के लिए दौड़ते हैं।
हर दिन अस्पताल पहुंच रहे लोग
शाजापुर जिला अस्पताल के आंकड़ों की बात की जाए तो अगस्त से लेकर दिसंबर माह में अब तक 443 मामले कुत्तों के काटने के सामने आएं हैं। इसके आलावा प्राइवेट अस्पतालों के मामले अलग हैं। हर माह 80 से 90 मरीज जिला अस्पताल में एंटी रेबिज का इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं।
इन आवारा कुत्तों का इतना भय है कि पहले लोग शहर में रात में भी बेखौफ घूमते या अपने काम कर सकते थे। लेकिन अब उन्हें रात में निकलने में कई बार सोचना पड़ता है कि यदि वो बाहर निकले तो रात में ये कुत्ते उनकी जान मुश्किल में न डाल दे। ये शहर में किसी को भी देखकर उन पर झपट पड़ते हैं। वाहन चालक की जान के दुश्मन बन जाते हैं।
सड़कों से लेकर गली-मोहल्लों तक में इनके झुंड
नगर में जगह-जगह श्वानों का समूह लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। श्वान बच्चों से लेकर हर आयु वर्ग के लोगों को शिकार बना रहे हैं। नगर की सड़कों से लेकर गली-मोहल्लों तक में इनके समूह परेशानी बना हुआ है।
जब भी बाइक सवार इनके पास से गुजरता है तो उसका पीछा करते हैं। ऐसे ही मामले अन्य स्थानों से भी सामने आ रहे हैं। बीते दिवस महुपुरा में एक बच्ची पर श्वानों ने हमला कर दिया था। गनीमत रही कि कुछ लोग वहां मौजूद थे जिन्होंने बच्ची को बचा लिया। रहवासियों का का कहना है कि उन्होंने शाम को बच्चों का घर से निकलना बंद कर दिया है। यही हाल नगर के सभी क्षेत्रों में हैं।
स्कूली बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा
सुबह के समय स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है। यह श्वान स्कूली बच्चों पर हमला कर उन्हें अपना शिकार बना रहे हैं। मुख्य शहर ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा श्वानों का आतंक है। बीते दिवस जिला अस्पताल में 13 वर्षीय अजय और चार वर्षीय शिवांश को श्वान ने हमला कर घायल कर दिया। जिन्हें टीकाकरण के लिए जिला अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया। शहरी और ग्रामीण अंचलों के अन्य लोग श्वानों के काटने पर उपचार हेतु अस्पताल पहुंचे जिनका टीकाकरण किया गया।