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मध्यप्रदेश

30 विश्व रिकार्ड दर्ज कर चुकी डेयर डेविल्स टीम का एक और अद्भुत और रोमांचक प्रदर्शन

जबलपुर ।  गौरीशंकर परेड ग्राउंड 1-सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर में मोटर साइकिल राइडर्स डिस्प्ले टीम “डेयर डेविल्स’ ने हैरतअंगेज प्रदर्शन किया। उनके मोटरसाइकिल पर रोमांच से भरे प्रदर्शन को देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। भारतीय सेना के कैप्टन आशीष राणा के नेतृत्व में 33 अन्य डेयर डेविल्स टीम के सदस्यों ने एक रोमांचक और चुनौतीपूर्ण प्रदर्शन किया। इस असाधारण और रोमांचकारी प्रदर्शन को देखने और सेना के जांबाजों का हौसला बढ़ाने अनेक प्रशासनिक और गणमान्य जन मौजूद रहे। इस दौरान मध्य-भारत एरिया के जनरल कमांडिंग आफीसर लेफ्टिनेंट जनरल एमके दास सहित दो हजार से ज्यादा लोगों ने जवानों के करतबों को देखा। जबलपुर का 1-सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर विश्व प्रसिद्ध “डेयर डेविल्स’ का गढ़ माना जाता है। यहां इस विधा के एक से बढ़ कर एक जवान तैयार होते हैं। मोटरसाइकिल डेयर डेविल्स राइडर्स डिस्प्ले टीम कोर आफ सिग्नल्स “डेयर डेविल्स” भारतीय सेना की सबसे पुरानी प्रदर्शन करने वाली डिस्पेच राइडर डिस्प्ले टीम है। डेयर डेविल्स टीम की स्थापना 1935 में हुई। यह टीम 1-सिग्नल प्रशिक्षण केंद्र के नेतृत्व में अभ्यासरत है। इस दौरान टीम ने लगातार अपनी प्रतिष्ठा में नए सोपान तय किए हैं। उसकी उपलब्धियां देश-विदेश में ख्यात हैं। हैरतअंगेज कारनामों को लेकर इस टीम के नाम अब तक 30 विश्व रिकार्ड दर्ज हैं। इन कीर्तिमानों को गिनीज और लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकार्डस द्वारा विधिवत मान्यता भी दी भी गई है। डेयर डेविल्स की इस सफलता का श्रेय पूरी तरह से टीम के सदस्यों की कड़ी मेहनत और 1-सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर के प्रशिक्षण को जाता है।
स्वप्रेरित साहसिक सैनिकों का समूह
1-एसटीसी जबलपुर के लिए डेयर डेविल्स बड़ा गौरव है। इस टीम का हिस्सा वो सैनिक बनते हैं जो स्वयंप्रेरित राइडर्स होते हैं। उनके भीतर डर और काल से दो-दो हाथ करने का जजबा होता है। ये अदम्य साहसी ही नहीं बल्कि अपने कार्य में निपुण होते हैं। इनमें असाधारण आत्मनिर्णय, मानसिक सतर्कता, बेजोड़ साहस, शारीरिक सहनशक्ति होती है। इसके अलावा ये मोटर सायकिल के संचालन में सटीकता भी रखते हैं।

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