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मध्यप्रदेश

जेयू में संस्कृत अनुसंधान के लिए प्राध्यापक पीठ बनाने पर लगी मोहर, डिप्लोमा कोर्स भी होंगे शुरू

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में बुधवार को विद्या संबंधी योजना तथा मूल्यांकन बोर्ड की विशेष बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जेयू के कुजपति प्रो अविनाश तिवारी, कुलसचिव अरुण चौहान, डीसीडीसी डा. शांतिदेव सिसोदिया सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद रहे। इस बैठक में जेयू से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। हालांकि जिन मुद्दों पर चर्चा हुई उन के प्रस्ताव अधूरे थे, फिर भी जेयू प्रबंधन ने कमेटी को एक दिन का समय देकर प्रस्ताव पूरा करने के निर्देश देते हुए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।

बैठक में हुए महत्वपूर्ण निर्णय

मुख्यमंत्री की घोषणा के परिपालन में संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के लिए प्राध्यापक पीठ बनाए जाने पर चर्चा हुई। बैठक के बाद यह निर्णय हुआ कि विश्वविद्यालय स्तर पर गठित समिति ने संस्कृत भाषा के कवि और नाटककार भवभूति के नाम पर अनुसंधान एवं अध्ययन के लिए प्राध्यापक पीठ के सृजन की अनुशंसा की, जिसे बैठक में स्वीकृति मिल गई।

बायो इन्फोर्मेटिक्स फेसिलिटी सेंटर में डिप्लोमा कोर्स शुरू करने पर चर्चा हुई। जिस पर विचार विमर्श के बाद सहमति बन गई। वहीं उन कोर्स को सुचारू रूप से संचालित करवाने के लिए सहायक प्राध्यापक सहित तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के पदों की भर्ती पर विचार हुआ जिसे भी सहमति मिल गई है। इसके साथ ही पीजी डिप्लोमा इन वास्तु शास्त्र कोर्स पर भी विचार विमर्श हुआ।

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