सागर जिले में कांग्रेस ने तीन सीटों पर पुराने चेहरों पर जताया भरोसा

सागर। कांग्रेस पार्टी ने रविवार को सुबह सागर जिले की आठ विधानसभा क्षेत्रों में से चार सीटों के प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। पार्टी ने बंडा, देवरी व नरयावली व सुरखी विस क्षेत्र के प्रत्याशी घोषित किए। बंडा, देवरी व नरयावली में पुराने चेहरा पर भरोसा जताया। वहीं सुरखी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा में कुछ दिन पहले ही कांग्रेस में आए नीरज शर्मा को प्रत्याशी बनाया है।
नरयावली में प्रदीप लारिया व सुरेंद्र चौधरी में तीसरी बार मुकाबला
अजा वर्ग के लिए आरक्षित नरयावली विस क्षेत्र में सुुरेंद्र चौधरी को लगातार तीसरी बार मौका दिया गया है। इससे पहले वे 1998 में पहली बार नरयावली से चुनाव लड़े थे और जीतकर मंत्री बने थे। 2008 में कांग्रेस ने यहां से माधवी चौधरी को मौका दिया था जो भाजपा के प्रत्याशी प्रदीप लारिया से पराजित हो गई थीं। वहीं 2013 व 2018 में कांग्रेस ने सुरेंद्र चौधरी को मैदान में उतारा, लेकिन यह प्रदीप लारिया से चुनाव हार गए।
सुरेंद्र चौधरी पर भरोसा
यह तीसरी बार है जो पार्टी ने सुरेंद्र चौधरी पर भरोसा जताया। ऐसा माना जा रहा है कि पराजित होने के बाद भी सुरेंद्र चौधरी नरयावली विस क्षेत्र में लगातार संपर्क करते हैं। लोगों के बीच पहुंचकर उनकी आवाज उठाते हैं। इसी कारण से पार्टी ने उन्हें लगातार दो हार के बाद भी माैका दिया है। नरयावली से प्रदीप लारिया व सुरेंद्र चौधरी में लगातार तीसरा मुकाबला होगा।
देवरी से लगातार तीसरी बार प्रत्याशी बने हर्ष यादव
देवरी विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक हर्ष यादव पर कांग्रेस ने लगातार तीसरी बार भरोसा जताया है। यहां से भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए बृजबिहारी पटेरिया को टिकट दिया है। हर्ष यादव व बृजबिहारी पटेरिया के बीच कांग्रेस में रहते हुए भी गतिरोध थे। 2013 में कांग्रेस से टिकट मिलने पर बृजबिहारी पटेरिया पर हर्ष यादव के साथ मारपीट के आरोप लगे थे। 2013 में हर्ष यादव कांग्रेस से चुनाव जीते। इसके बाद 2023 से बृजबिहारी पटेरिया कांग्रेस पार्टी में तो रहें, लेकिन उनकी विधायक हर्ष यादव से दूरी बनी रही। इस विधानसभा चुनाव में बृजबिहारी पटेरिया भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं। इसीलिए यहां मुकाबला रोचक रहेगा।
बंडा में दोनों ही प्रत्याशी लोधी जाति के
बंडा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने वर्तमान विधायक तरवर सिंह लोधी पर दूसरी बार भरोसा जताया। यहां भाजपा पहले ही शिक्षक वीरेंद्र सिंह लोधी को अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। इस क्षेत्र में लोधी वोट बैंक का काभी प्रभाव है। दोनों ही दलों से लोधी जाति के उम्मीदवार होने से यहां भी मुकाबला कड़ा हो गया है। तरवर सिंह लोधी 2018 में चुनाव लड़े और भाजपा के दो बार के विधायक हरवंश सिंह राठौर को पराजित किया था। भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह पहली बार विधायक पद का चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि वीरेंद्र सिंह लोाधी के पिता तीन बार विधायक व एक बार सांसद रहे। वीरेंद्र सिंह के बड़े भाई रामरक्षपाल सिंह भी भाजपा से चुनाव लड़ चुके हैं।
सुरखी से भाजपा से बगावत कर आए कार्यकर्ता को मौका
सागर की सुरखी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने भाजपा से कुछ महीने पहले ही भाजपा में आए नीरज शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। नीरज शर्मा ने 2010 में जनपद पंचायत अध्यक्ष रहे। वहीं एक बार राहतगढ़ नगर परिषद अध्यक्ष रहे हैं। कुछ दिन पहले ही यह भाजपा से बगावत कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। वहीं गोविंद सिंह राजपूत 2018 व 2020 का उप चुनाव जीते। इससे पहले 2003, 2008 में भी वे कांग्रेस में रहते हुए विधायक का चुनाव जीते।