सेठ गोविंद दास जिला चिकित्सालय को राष्ट्रीय स्तर का मानक प्रमाण पत्र

जबलपुर । शहर के सेठ गोविंद दास जिला चिकित्सालय को राष्ट्रीय स्तर का मानक प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। यह सम्मान कसौटी पर खतरा उतरने की प्रशस्ति में दिया गया है। दरअसल, पिछले दिनों जिला चिकित्सालय का असेसमेंट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से आए वरिष्ठ असेसर द्वारा किया गया था। इस प्रक्रिया में सभी चिकित्सा विभागों का चेक लिस्ट अनुसार मूल्यांकन किया गया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन एनक्यूएएस व मुस्कान कार्यक्रम अंतर्गत सेठ गोविंददास जिला चिकित्सालय को राष्ट्रीय स्तर के मानकों पर क्रमशः 96 व 97 प्रतिशत अंक अर्जित करने का राष्ट्रीय स्तर के मानक प्रमाण पत्र जारी किया गया। मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी और ज्वाइंट डायरेक्टर हेल्थ डा. संजय मिश्रा व सिविल सर्जन डा. मनीष मिश्रा ने इस उपलब्धि को सेवा भावना की जीत बताया है।
ऐसे होता है सर्टिफिकेशन
राज्य शासन द्वारा तीन साल में एक बार एनक्यूएएस का सर्वे कराया जाता है। इससके जरिए सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं में बेहतरी लाने की कोशिश की जाती है। इस सर्वे में 70, 80 और 90 फीसदी से ज्यादा अंक आने पर अस्पतालों के ग्रांट में न केवल इजाफा किया जाता है बल्कि बेहतर संचालन के लिए सर्टिफिकेशन भी जारी होता है। जिला अस्पताल पहुंची एनक्यूएएस की टीम ने अस्पताल के सभी 12 विभागों में दस्तक दी इस दौरान टीम ने मरीजों से मिलने वाली सुविधाओं की न केवल जानकारी ली बल्कि अस्पताल के स्टाफ से भी अहम जानकारियां हासिल की।
तीन सदस्यीय टीम जिला अस्पताल के सभी विभागों में पहुंची :
जबलपुर जिले में स्वास्थ्य की व्यवस्थाओं में सुधार लाने और मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के मकसद से गठित राज्यस्तरीय टीम निरीक्षण करने जिला अस्पताल विक्टोरिया पहुंची, नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड यानी एनक्यूएएस की तीन सदस्यीय टीम ने अस्पताल के सभी विभागों में पहुंचकर वहां की व्यवस्थाओं को करीब से परखा और इस दौरान सुधार के निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार लाने और मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के मकसद से गठित राज्य स्तरीय टीम निरीक्षण करने जिला अस्पताल विक्टोरिया पहुंची, नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड यानी एनक्यूएएस की तीन सदस्यीय टीम ने अस्पताल के सभी विभागों में पहुंचकर वहां की व्यवस्थाओं को करीब से परखा और इस दौरान सुधार के निर्देश दिए गए।