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मध्यप्रदेश के देवास के प्रांशुक कांठेड़ सवा करोड़ सालाना पैकेज की नौकरी छोड़ बनेंगे जैन संत।

अमेरिका में सवा करोड़ का पैकेज छोड़ने वाले प्रांशुक कांठेड़ आज दीक्षा ग्रहण कर संत बन जाएंगे सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद ये फैसला करना उनके लिए काफी आसान था। उन्होंने कहा कि मैं अनंत सुख के लिए संत बनने जा रहा हूं। 28 साल के प्रांशुक मध्य प्रदेश के देवास जिले के रहने वाले हैं। वे अमेरिका में तीन साल तक डेटा साइंटिस्ट के तौर पर काम कर चुके हैं। उन्होंने हाल ही में यूएसए में अपनी 1.25 करोड़ की नौकरी छोड़ी है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से उनके परिवार में किसी को कोई दिक्कत नहीं है और सब उनके इस फैसले के साथ हैं। पिछले साल जनवरी में लौटे थे भारत प्रांशुक कांठेड़ आज आचार्य उमेश मुनिजी महाराज के शिष्य जिनेंद्र मुनिजी से जैन संत के रूप में दीक्षा लेंगे। वे पिछले साल जनवरी में भारत लौटे थे। प्रांशुक 2016 से जनवरी 2021 तक अमेरिका में रहे। उन्होंने लगभग 3 वर्षों तक डेटा साइंटिस्ट के रूप में काम किया था। बचपन से बनना चाहते थे संत प्रांशुक कांठेड़ देवास जिले के हाटपीपला के रहने वाले हैं। वे बचपन से ही साधु बनना चाहते थे। इसी प्रबल इच्छा के साथ वे अब जैन मुनि बनने के लिए दीक्षा लेने जा रहे हैं। हाटपीपल में तीन दिवसीय दीक्षा महोत्सव होगा। इस महोत्सव में देश के विभिन्न हिस्सों से करीब 53 जैन मुनि आएंगे। उनके सानिध्य में 26 दिसंबर को दीक्षाभूमि महोत्सव होगा। संत बनने के फैसले के पीछे के कारणों पर बात करते हुए प्रांशुक ने कहा कि जब वे इस संसार के सुखों को देखते हैं तो उसे क्षणभंगुर पाते हैं। उनका कहना है कि खुशी हमारी लालसा को बढ़ाती है। मैं अनंत सुख के लिए जैन संत बनने जा रहा हूं। करीब डेढ़ साल तक उन्होंने काफी मेहनत की थी।

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