मध्यप्रदेशश्योपुर
आदिवासी समाज के गौरव थे वीरसा मुंडा – जंडेल आदिवासियों के द्वारा अग्रेजों के खिलाफ संघर्ष के प्रतीक भगवान वीरसा मुंडा ——सत्यभानु चौहान महात्मा गांधी सेवा आश्रम श्योपुर में मनी वीरसा मुंडा जयंती
श्योपुर 1857 के आजादी के संघर्ष की आग को आदिवासियों में भगवान के रूप में पूजे जाने वाले बिरसा मुंडा ने बुझने नहीं दिया तथा अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासियों को संगठित कर अपने परंपरागत हथियारों से उनकी सशस्त्र सेना के छक्के छुड़ा दिए अंत में उनके एक साथी की गद्दारी के कारण वे पकड़े गए और उन्हें दो साल की सजा हुई पर बीच में ही उन्हें जहर देकर मौत के घाट उतार दिया गया वे आदिवासी समाज के गौरव थे उक्त विचार वीरसा मुंडा जयंती पर महात्मा गांधी सेवा आश्रम में आयोजित विचार गोष्ठी के मुख्य अतिथि श्योपुर विधायक बाबू जंडेल ने व्यक्त किए कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक गांधी वादी विचारक सत्यभानु चौहान ने कहा कि आदिवासी समाज पर अंग्रेजों के शासनकाल मे काफी अत्याचार किए गए यहां तक कि जब सन् 1894 मे अकाल पड़ा तो उनसे जबरन लगान वसूला गया इस बात से वीरसा मुंडा और उनके अनुयाइयों में विद्रोह की ज्वाला फूट पडी ओर उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष छेड़ दिया जिसके परिणामस्वरूप अनगिनत लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया काफी लोगों को जेल में डाल दिया गया सन् 1897 मे वीरसा मुंडा को भी पकड़ कर जेल में डाल दिया गया जहां से वे जिंदा नहीं निकले पर उनके इस संघर्ष ने उन्हें आदिवासियो के बीच ईश्वर के रूप में स्थापित कर दिया आज भी मुंडा समाज में उनकी पूजा की जाती है कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी सेवा आश्रम के उपाध्यक्ष कैलाश पाराशर ने कहा कि आजादी के संघर्ष में वीरसा मुंडा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता उनके बताए रास्ते पर चलते हुए आदिवासियों ने गांघीजी का साथ देकर देश को आजादी दिलवाई एकता परिषद के जिलाध्यक्ष गंगा राम आदिवासी एबम सिराज दाउदी ने भी भगवान विरसा मुंडा के जीवन पर प्रकाश डाला अंत में आभार प्रदर्शन कार्यक्रम संयोजक अशोक कुमार एवं कार्यक्रम का संचालन महात्मा गांधी सेवाश्रम के प्रबंधक जयसिंह जादोन ने किया कार्यक्रम में विप्लव शर्मा आकाश श्रीवास्तव महाबीर मीणा गौरव आचार्य रामनरेश सेन कृति चौहान सहित श्योपुर बड़ोदा क्षेत्र के आधा सैकड़ा युवा उपस्थित रहे
