ब्रेकिंग
मुरैना के सबलगढ़ में जमीनी विवाद में चले लाठी-डंडे फायरिंग एक गंभीर घायल गुजरात के खेड़ा जिले में नहाने गए छह भाई-बहन, एक-एक कर के लील गई नदी, गर्मी से राहत की जगह मिली मौत उज्जैन स्लीपर बस पलटी गर्भवती महिला सहित 9 घायल केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा
मध्यप्रदेश

पाड़ों की टक्कर से जाम सड़क ने रोकी एम्बुलेंस, मां की कोख में नवजात की मौत

बुरहानपुर। रविवार दोपहर नेपानगर की ताप्ती पुलिया के पास सड़क पर जाम लगा कर जब सैकड़ों लोग पाड़ों की टक्कर का आनंद ले रहे थे, तब नेपानगर स्वास्थ्य केंद्र में एक मां अपनी कोख में पल रहे नवजात की जान बचाने के लिए जद्दोजहद कर रही थी। अस्पताल में जांच के लिए आई प्रियंका शैलेंद्र रघुवंशी को डाक्टर ने दोपहर एक बजे बताया कि उसके बच्चे की दिल की धड़कन नहीं मिल रही है।

उसे जल्द जिला अस्पताल पहुंचाना होगा। अस्पताल के कर्मचारियों ने 108 एम्बुलेंस को फोन कर बुलाया। चालक वाहन लेकर निकला भी, लेकिन ताप्ती पुलिया के पास लगे दो किमी से ज्यादा लंबे जाम में फंस कर रह गया। जब तक वह जाम से निकल कर नेपानगर अस्पताल पहुंचा, तब तक शाम के साढ़े चार बज चुके थे।

आनन-फानन प्रियंका को उसमें लिटा कर एम्बुलेंस का चालक शाम छह बजे जिला अस्पताल पहुंचा। यहां डाक्टरों ने जांच की तो पता चला कि मां की कोख में ही नवजात की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने किसी तरह प्रसव करा कर मृत नवजात को बाहर निकाला और मां की जान बचाई।

प्रियंका के स्वजन का कहना है कि शायद यदि उसे तुरंत जिला अस्पताल पहुंचा दिया जाता तो आज उनके घर आने वाला नन्हा मेहमान जीवित होता।

पुलिस और प्रशासन भी दोषी

किसी आयोजन के चलते आम रास्ते को बंद करने अथवा जाम करने पर भी पूरी तरह प्रतिबंध है। बावजूद इसके रविवार दोपहर से लेकर शाम तक करीब साढ़े चार घंटे नेपानगर का मार्ग जाम किया गया। इस दौरान लड़ाई देखने पहुंचे लोगों के भी घायल होने का खतरा था।

ऐसे आयोजनों की बाकायदा पुलिस और प्रशासन को सूचना भी दी जाती है और मेले के नाम पर अनुमति भी ली जाती है। जानकारों का कहना है कि इस आयोजन के लिए भी यह औपचारिकता निभाई गई थी।

पाड़ों की टक्कर के दौरान पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन न तो इस क्रूरतापूर्ण लड़ाई को रोकने का प्रयास किया गया और न ही मार्ग में आवागमन बहाल कराने का प्रयास किया गया।

डाक्टरों ने प्रियंका के स्वजन को बच्चे की स्थिति के बारे में स्पष्ट रूप से बता दिया था। एम्बुलेंस भी बुलवाई गई थी, लेकिन मार्ग जाम होने के कारण वह देर से पहुंच सकी। जिला अस्पताल में डाक्टरों ने प्रसव करा मृत बच्चे को निकाला गया। मां बिल्कुल स्वस्थ है।

– डा. एलडीएस फंवाल, जिला स्वास्थ्य अधिकारी।

Related Articles

Back to top button