निगामयुक्त पालन प्रतिवेदन पेश करें नहीं तो हाई कोर्ट आना पड़ेगा

जबलपुर। हाई कोर्ट ने अवमानना प्रकरण में नगर निगम, जबलपुर के आयुक्त स्वप्निल वानखड़े को अगली सुनवाई तक हर हाल में पालन प्रतिवेदन पेश करने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने नगर निगम आयुक्त को अंतिम अवसर देते हुए कहा कि अब इसके बाद अतिरिक्त मोहलत नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने साफ कहा कि यदि अगली सुनवाई तक रिपोर्ट पेश नहीं की गई तो अवमाननाकर्ता अधिकारी को हाजिर होना पड़ेगा। मामले पर अगली सुनवाई 10 जनवरी, 2024 को होगी।
पदोन्नति नहीं मिलने पर याचिका दायर की थी
जबलपुर निवासी केके दुबे ने अवमानना याचिका दायर कर बताया कि वे ननि में स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। पदोन्नति नहीं मिलने पर उन्होंने पूर्व में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने एक मार्च, 2023 को आदेश दिया था कि याचिकाकर्ता को रिक्त पद पर पदोन्नति देकर सभी अपेक्षित लाभ दिए जाएं। इसके लिए 30 दिन की मोहलत दी गई थी।
निगम प्रशासन पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया था
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने निगम प्रशासन पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया था। यह राशि याचिकाकर्ता को दिए जाने की व्यवस्था दी गई थी। अधिवक्ता विकास महावर ने बताया कि निगम प्रशासन ने जुर्माने की राशि तो याचिकाकर्ता को दे दी, लेकिन पदोन्नति नहीं दी। इसके पहले 23 नवंबर को हाई कोर्ट ने नगर निगम प्रशासन को रिपोर्ट पेश करने अंतिम मोहलत दी थी। सुनवाई के दौरान निगम की ओर से पुन: मोहलत मांगी गई, जिस पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए उक्त आदेश दिए।