ब्रेकिंग
केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,... पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर खतरा मंडराया, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल मध्यप्रदेश में एक मई से होगे ट्रांसफर मुख्यमंत्री ने शिक्षण सत्र खत्म होने के बाद बताया तबादलों का क...
मध्यप्रदेश

वन चौकी में आदिवासी किशोरी से दुष्कर्म मामले में जयस ने की वन रक्षकों आरोपितों के गिरफ्तारी की मांग

बुरहानपुर। आदिवासी किशोरी से दुष्कर्म करने वालों की घटना के तीन दिन बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने से नाराज जय आदवासी युवा संगठन (जयस) के कार्यकर्ता बुधवार को बड़ी संख्या में पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच गए। यहां उन्होंने आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर जमकर नारेबाजी करते हुए पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पाटीदार को ज्ञापन सौंपा।

जयस के पदाधिकारी और नेपानगर से विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे बिलर सिंह जमरा ने कहा कि पुलिस यदि 48 घंटे के अंदर आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं करती तो जयस तीसरे दिन कलेक्ट्रेट का घेराव करेगा। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के साथ लगातार अन्याय होता आया है। इसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

ज्ञात हो कि खकनार थाना क्षेत्र की आमगांव वन चौकी में गत 19 नवंबर की रात एक आदिवासी किशोरी से दो वन रक्षकों द्वारा दुष्कर्म करने का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने 20 नवंबर को वन रक्षक सूरज दांगी और निलेश निले के खिलाफ दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज किया था, लेकिन उनकी गिरफ्तारी के लिए अब तक कोई प्रयास नहीं किए। जिसके चलते आदिवासी युवा भड़के हुए हैं।

महिला आरक्षक पर भी कार्रवाई की मांग

जयस के पदाधिकारियों और पीड़ित परिवार के लोगों ने किशोरी का मेडिकल और न्यायालय में कथन कराने वाली महिला आरक्षक प्रीति एकले के खिलाफ भी न्यायोचित कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि 21 नवंबर को प्रीति एकले दिनभर किशोरी को अस्पताल में लेकर घूमती रही और समझाती रही कि उसे आरोपितों के पक्ष में बयान देना है। किशोरी जब देर शाम वापस घर पहुंची तो उसने स्वजन को न्यायालय में गलत बयान दिलाने की जानकारी दी। इस दौरान उसने डरा धमका कर किशोरी को कुछ गोलियां भी खिलाई थीं।

परिवार को दे रहे झूठे केस में फंसाने की धमकी

ज्ञापन में कहा गया है कि आरोपितों को 21 नवंबर को न्यायालय के आसपास देखा गया था। वे पीड़ित परिवार को धमका रहे हैं कि यदि उन्होंने आगे कोई कार्रवाई की तो वे वन्यजीव की हत्या कर उसके घर में रख देंगे और झूठे केस में फंसा देंगे। परिवार को गांव में ही रहना है और वे ही जंगल के रखवाले हैं। इससे पीड़ित परिवार भयभीत है। लिहाजा आरोपितों को जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।

Related Articles

Back to top button