यज्ञ करने से वायु गुणवत्ता सूचकांक सामान्य होगा

इंदौर। एक रिसर्च में भी यह देखा जा चुका है कि लगातार यज्ञ करने से वायु प्रदूषण नहीं होता है और हानिकारक गैसों का नाश होता है। सामान्य रूप से हम देखते हैं कि स्वास्थ्य की दृष्टि से वायु अब उतनी शुद्ध नहीं रही। अनेक प्रकार के प्रदूषण और हानिकारक गैस है, उसमें मिली रहती है जो सामान्य व्यक्ति और बीमार व्यक्ति पर बुरा असर डालती है।
अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज के डॉ अखलेश भार्गव ने बताया कि दीपावली के समय पटाखे चलाने से वायु के गुणवत्ता और बिगड़ जाती है। इसको एएक्यूआइ (वायु गुणवत्ता सूचकांक) के द्वारा देखते हैं। सामान्य रूप से इसका माप 0 से 50 होना चाहिए। किंतु दिल्ली जैसे शहरों में गया 900 तक पहुंच गया है, वहां पर पटाखों पर प्रतिबंध कर दिया गया और बच्चों की स्कूलों की छुट्टियां तक कर दी गई।
इंदौर में प्रतिमाह होता है धनवंतरी एवं अश्विनी यज्ञ
यज्ञ में जो मंत्रोपचार किए जाते हैं, उनके प्रभाव से वातावरण में स्थित बैक्टीरिया एवं वायरस का नाश होता है। वैदिक रीति में घर पर ही छोटा हवन कुंड बनाकर उसमें हवन करने से घर में स्थित कीटाणुओं का नाश होता है। वायु शुद्ध रहती है और बीमारियां नहीं होती है । इसको हम सभी को रोजाना के रूटीन में लाना चाहिए।