ममेरे भाई का 1.90 करोड़ का बीमा कराया, रकम हड़पने को कर दी हत्या

ग्वालियर। अमीर बनने के लिए युवक ने ऐसी प्लानिंग की, जिसे सुनकर दिल दहल जाएगा। उसने ममेरे भाई का 1.90 करोड़ रुपये का बीमा करवाया। उसके नाम से कार और बाइक फाइनेंस कराकर इसमें भी ऐसी बीमा पालिसी चुनी, जिसमें वाहन मालिक की मौत पर मोटी रकम मिलती। किस्त खुद भरता रहा, उसे अहसास ही नहीं था, जब बीमा की किस्त भरते हुए छह माह बीत गए तो उसने ममेरे भाई की बेरहमी से हत्या कर डाली। हत्या करने के बाद पूरे परिवार के साथ घूमता रहा, अंतिम संस्कार में भी साथ रहा।
लेकिन आरोपित और उसके दोस्त ने सिर्फ एक गलती की और आंतरी इलाके में हुई जगदीश जाटव की हत्या का राजफाश हो गया है। एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि आरोपितों ने हत्या करना स्वीकार किया है। पकड़े गए आरोपितों के नाम अमर जाटव और अशोक जाटव हैं।
इसमें से अशोक जाटव मृतक की बुआ का बेटा है। अमर उसका दोस्त है। ग्वालियर के थाटीपुर इलाके में रहने वाला जगदीश जाटव निजी हास्पिटल में काम करता था। 19 अक्टूबर को उसकी लाश आंतरी इलाके में मिली थी। उसके सिर और शरीर पर अन्य जगह चोट के निशान थे।
हत्या की वारदात के बाद पुलिस खाली हाथ थी, क्योंकि जहां यह लाश मिली थी, वहां सीसीटीवी कैमरे तक नहीं थे। पुलिस ने मृतक की काल डिटेल खंगाली, इसमें सामने आया 18-19 अक्टूबर की रात हत्या से पहले जगदीश के मोबाइल पर एक ही नंबर से 9 बार फोन आया था। यह नंबर पुलिस ने पड़ताल में लिया। जिस युवक के नाम पर यह नंबर रजिस्टर्ड था- वह मजदूर है। उसका मोबाइल आगरा कैंट से चोरी हुआ था।
मजदूर छतरपुर का रहने वाला था। इसके बाद मामला और पेचीदा हो गया। मजदूर से पूछताछ कर उसे छोड़ना पड़ा। इसी बीच अचानक उसी मोबाइल में एक दूसरी सिम महज 2 मिनट के लिए डली। जैसे ही यह सिम डली और मोबाइल चालू होते ही पुलिस के पास मैसेज पहुंच गया। पुलिस ने जब उस नंबर की पड़ताल की तो सामने आया कि यह नंबर अशोक जाटव का निकला। अशोक मृतक की बुआ का बेटा है।
जब उससे पुलिस ने पूछताछ की तो पहले घुमाता रहा, फिर उसने हत्या करना स्वीकार की। उसने बताया कि मृतक के नाम तीन बीमा कंपनियों में 1.90 करोड़ रुपये का बीमा कराया था, यह हड़पने के लिए उसे मार डाला। उसी के नाम वैगनआर कार व अपाचे बाइक खरीदी थी, इसे भी फायनेंस करवाया था।
उसकी मौत के बाद गाड़ियों का कर्ज भी माफ हो जाता। आरोपितों ने बताया कि पहले नींद की गोलियां खिलाकर उसे बेहोश किया। इसके बाद हथोड़े से सीने और सिर में वार कर हत्या कर डाली। लाश नाले में फेंक दी।