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मध्यप्रदेश

आदर्श आचार संहिता के चलते मप्र के स्थापना दिवस पर सिर्फ मप्र गान होगा

भोपाल। चुनाव आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने के कारण इस बार एक नवंबर को मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर कोई समारोह नहीं होगा। विधान सभा चुनावों के चलते चुनाव आयोग से अनुमति मिलने के कारण ऐसा करना पड़ा है। राज्य सरकार पिछले कई वर्षों से एक नवंबर को राजधानी के लाल परेड मैदान पर भव्य स्तर पर स्थापना दिवस मनाती आ रही है। इसके साथ ही प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे। गत वर्ष मुंबई के संगीत निर्देशक और पार्श्व गायक शंकर महादेवन और उनकी टीम ने राज्य स्तरीय स्थापना दिवस समारोह में प्रस्तुति दी थी। विभाग को एमसीसी के कारण अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से नवंबर तक निर्धारित सभी कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ा है।स्थापना दिवस समारोह के लिए संस्कृति विभाग ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी, जो कि नहीं मिली। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने पत्र भेजकर भोपाल समेत प्रदेश के सभी कलेक्टरों को स्थापना दिवस कार्यक्रम के लिए आधे घंटे का समय दिया है। इस दौरान राष्ट्रगान के बाद सिर्फ मप्र गान सुख का दाता सब का साथी शुभ का यह संदेश है… की प्रस्तुति होगी। मप्र संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि हमें चुनाव आदर्श आचार संहिता से छूट नहीं दी गई है। इसलिए स्थापना दिवस पर कोई बड़ा समारोह नहीं होगा। जहां तक अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बात है तो सब कुछ चुनाव आयोग की अनुमति पर निर्भर करेगा।

जीएडी ने जारी किया आदेश

जीएडी ने सभी कलेक्टरों को पत्र भेजकर कहा है कि स्थापना दिवस पर जिला स्तर पर आधे घंटे का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। सुबह नौ बजे कलेक्टरों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा तथा राष्ट्रगान होगा। गान के पश्चात 20 मिनट का स्थानीय सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा और मप्र गान से कार्यक्रम का समापन होगा।

ये कार्यक्रम भी रद्द हुए हैं

विभाग को एमसीसी के कारण अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से निर्धारित सभी कार्यक्रमों को रद्द करने या रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इनमें शौर्य स्मारक वर्षगांठ (भोपाल, 14 अक्टूबर), संभावना (भोपाल, 28 अक्टूबर) श्री रामलीला उत्सव (भोपाल, 17-23 अक्टूबर), शक्ति पर्व (गुना, मैहर, नलखेड़ा, बुरहानपुर, सलकनपुर, भोपाल, उज्जैन 15 अक्टूबर, 20-22, 21-23) शामिल हैं। प्राकट्य उत्सव (उज्जैन, 15 अक्टूबर), ठुमरी समारोह (देवास, 15-16 अक्टूबर), रूपाभ प्रदर्शनी (भोपाल, 17-22 अक्टूबर), स्मृति प्रसंग डा. धर्मवीर भारती (भोपाल, 20-22 अक्टूबर), रामलीला उत्सव (परासिया, छिंदवाड़ा, 22-24 अक्टूबर) और प्रतिमान (महू 25-26 अक्टूबर) को भी स्थगित किया गया है।

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