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मध्यप्रदेश

होमगार्ड्स को दो माह का काल आफ देने पर हाई कोर्ट की अंतरिम रोक, सरकार ने 2016 में बदले थे नियम

जबलपुर। हाई कोर्ट ने चार होमगार्ड्स को दो माह का काल आफ देने पर अंतरिम रोक लगा दी। बुधवार को मामले की सुनवाई के बाद प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने कहा कि होमगार्ड्स को सेवा जारी रखने की अनुमति दी जाए। इस याचिका को अन्य प्रकरणों के साथ लिंक कर अंतिम सुनवाई के निर्देश जारी किए हैं।

काल आफ को लेकर हाई कोर्ट में याचिका

दमोह निवासी वीरेंद्र पटेल, बलराम पटेल, कालू सिंह ठाकुर व बलवीर सिंह की ओर से याचिका दायर कर बताया कि उन्हें एक अक्टूबर से 30 नवंबर 2023 तक का काल आफ दिया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विहाग दुबे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि शासन ने संशोधन के जरिए एक साल में दो माह के काल आफ को बदलकर तीन साल में दो माह का काल आफ कर दिया गया।

आरक्षकों के समान वेतन की मांग

वर्ष 2010 में होमगार्ड्स द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नियमितीकरण, आरक्षकों के समान वेतन, पूरे वर्ष कार्य प्रदान करने व अन्य लाभ देने की प्रार्थना की गई थी। वर्ष 2011 में हाईकोर्ट द्वारा आंशिक रूप से स्वीकार कर मध्य प्रदेश शासन को आदेशित किया था कि वे होमगार्ड्स की सेवा नियम बनाएं व उन्हें पूरे वर्ष कार्य पर रखा जाए। इसके बाद सरकार ने वर्ष 2016 में नियम बनाए और आदेश के विपरीत पुनः एक वर्ष में दो माह का बाध्य काल आफ का प्रविधान रख दिया।

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