उमरिया में पत्नी के बाद पति की भी गई बाघ के हमले में जान

उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर वन परिक्षेत्र में बाघ के हमले में एक वृद्ध की जान चली गई है। मृतक का नाम राममिलन चौधरी पिता सेमाली चौधरी निवासी ग्राम गाटा बताया गया है। 64 वर्षीय यह वृद्ध रविवार को मवेशी चराने जंगल गया था, इसके बाद यह वापस लौटकर नहीं आया। शाम को इसकी तलाश की गई लेकिन इसका कहीं कुछ पता नहीं चला था।
बड़खेरा से लगे मझखेता बीट के भुरकुल हार में पाई गई लाश
सोमवार को राममिलन की लाश बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र मानपुर बफर जोन के बड़खेरा से लगे मझखेता बीट के भुरकुल हार में पाई गई है। मृतक के शरीर पर पाए गए जख्मों के निशान से यह स्पष्ट हो गया है कि बाघ ने उसे पर हमला कर दिया था, जिससे उसकी जान चली गई। गांव के लोगों ने लाश देखने के बाद घटना की सूचना वन विभाग को दे दी। सूचना पर मानपुर परिक्षेत्राधिकारी मुकेश अहिरवार और उनकी टीम घटना स्थल पर पहुंच गई।
जानवरों पर भी हमला
बाघ ने मौके पर मौजूद मवेशियों पर भी हमला किया है। बताया गया है कि हमला करने के बाद बाघ ने बकरियां और गाय को भी खाया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि बाघ ने मवेशियों पर हमला किया होगा जिन्हें बचाने के प्रयास में राममिलन बाघ का शिकार हो गया होगा। हालांकि घटना के समय मौके पर कोई और नहीं था, जिससे पूरी तरह स्पष्ट अनुमान फिलहाल नहीं लगाया गया है। घटनास्थल पर बाघ के पद चिन्ह भी पाए गए हैं जिससे यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि राममिलन पर बाघ ने ही हमला किया था। यह जानकारी लगने के बाद की बाघ के हमले में राममिलन की मौत हुई है एक बार फिर मानपुर क्षेत्र के ग्रामीणों में आक्रोश भड़कने लगा है।
2011 में तेंदू पत्ता तोड़ राममिलन की पत्नी सुंदी पर बाघ ने किया था हमला
पत्नी की भी बात के हमले में हुई थी मौत राममिलन की बाघ के हमले में हुई मौत के बाद यह जानकारी सामने आ रही है कि उसकी पत्नी की भी कुछ साल पहले बाघ के हमले में मौत हो गई थी। बताया गया है कि वर्ष 2011 में यह घटना हुई थी। गांव के लोगों ने बताया कि वर्ष 2011 में गर्मी के मौसम में जब तेंदू पत्ता की तोड़ाई होती है उसे समय राममिलन की पत्नी सुंदी चौधरी पर बाघ ने हमला कर दिया था, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। मानपुर रेंज में जुलाई से लेकर अभी तक बाघ के हमले में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। बार-बार हो रही घटनाओं को लेकर लोगों में लगातार आक्रोश बढ़ता जा रहा है।