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सनातन धर्म पर डीएमके नेताओं की टिप्पणी को लेकर BJP हमलावर, कांग्रेस की चुप्पी पर उठाए सवाल

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के लिए सनातन धर्म पर हमला विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का गुप्त एजेंडा है। इस मुद्दे पर विपक्ष को घेरने की पार्टी की रणनीति की कमान संभालते हुए भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने आरोप लगाया कि ‘आईएनडीआई’ गठबंधन का गठन ही सनातन धर्म के विरोध में किया गया है और यह कांग्रेस तथा उसके पूर्व अध्यक्षों सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।

भाजपा ने विपक्षी गठबंधन पर हमला करने के लिए द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री के पोनमुंडी के उस बयान को आधार बनाया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर दावा किया था कि ‘इंडिया’ का गठन ‘सनातनी विचारधारा के विरोध में’ किया गया है। एक वायरल वीडियो में पोनमुडी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ”यह ‘इंडिया’ गठबंधन सनातन विचारधारा के विरोध में बनाया गया है। (घटक दलों के)विचारों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन सनातन विरोध को लेकर कोई असहमति नहीं है। इस गठबंधन में शामिल दल समानता लाना चाहते हैं, अल्पसंख्यकों और लैंगिक समानता की रक्षा करना चाहते हैं।”

सोनिया गांधी, राहुल और कांग्रेस की सोची समझी रणनीति का हिस्सा- नड्डा
नड्डा ने ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘आईएनडीआई गठबंधन की मुम्बई बैठक के दो दिन बाद उदयनिधि स्टालिन का बयान आना, फिर प्रियांक खरगे का सनातन पर आघात और आज डीएमके के मंत्री द्वारा ये स्वीकार करना कि आईएनडीआई गठबंधन का गठन ही सनातन धर्म के विरोध में किया गया था, यह सोनिया गांधी, राहुल और कांग्रेस की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आईएनडीआई गठबंधन को इस बयान पर अपना मत स्पष्ट करना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि क्या संविधान में किसी धर्म के बारे में आपत्तिजनक बयान देने का अधिकार है?

नड्डा ने यह सवाल भी किया कि क्या विपक्षी गठबंधन के लोगों को संविधान के प्रावधानों की जानकारी नहीं है? भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आईएनडीआई गठबंधन, कांग्रेस, सोनिया और राहुल बताएं कि मोहब्बत की दुकान के नाम पर सनातन धर्म के खिलाफ नफरत का सामान क्यों बेचा जा रहा है? यह नफरत का मेगा मॉल सिर्फ सत्ता के लिए है- बांटो और राज करो।”

इस मुद्दे को लेकर विपक्ष पर हमलावर रुख जारी रखते हुए भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा और कहा कि सोनिया गांधी इस मामले पर अगर चुप्पी साधे रहेंगी तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि सनातन धर्म का विरोध करना ‘इंडिया’ के न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा है। प्रसाद ने डीएमके के एक नेता की उस हालिया टिप्पणी का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म का विरोध करना संगठन का एजेंडा है।

इस बारे में प्रसाद ने कहा कि तमिलनाडु के नेता ने जो कहा, वह विपक्षी गठबंधन के बारे में सही ही है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा इस गठबंधन से एक स्पष्ट प्रस्ताव लाने का आग्रह करेगी कि वह इससे खुद को (डीएमके की आलोचना से) पूरी तरह अलग करता है और यह उनका एजेंडा नहीं है।”

सनातन धर्म का ‘शर्मनाक अपमान’ क्यों किया जा रहा है?
डीएमके द्वारा अपने बयान को सही ठहराने के लिए सनातन धर्म को हिंदुओं के बीच जातिगत भेदभाव की प्रथा से जोड़ने पर भाजपा नेता ने कहा कि शबरी, केवट और संत रविदास जैसे पिछड़ी जातियों के श्रद्धेय लोगों को समर्पित मंदिर बनाए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि सनातन धर्म का मानना है कि कोई भी व्यक्ति अपनी जाति और समुदाय की पृष्ठभूमि के बावजूद अपनी भक्ति से भगवान को प्राप्त कर सकता है। कांग्रेस ने इस विवाद को लेकर स्पष्ट तौर पर कहा कि वह हर धर्म का सम्मान करने में विश्वास करती है।

कांग्रेस पर पलटवार करते हुए प्रसाद ने कहा कि डीएमके से लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसे दलों के कुछ नेता सनातन धर्म और हिंदू धर्म से जुड़े पवित्र ग्रंथों की आलोचना करने में मुखर रहे हैं, लेकिन क्या वे अन्य धर्मों और उनके पवित्र व्यक्तित्वों की आलोचना करने का साहस जुटा सकते हैं? उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और विरासत का हर रोज अपमान किया जा रहा है और भाजपा इस मुद्दे को लेकर देश भर के गांवों में जाएगी और विकास तथा विरासत की भी बात करेगी।

प्रसाद ने विपक्षी नेताओं से सवाल किया कि सनातन धर्म का यह ‘शर्मनाक अपमान’ क्यों किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि देश यह अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने हाल ही में भारत द्वारा आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन की बैठक के दौरान कोणार्क चक्र और प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को दी गई प्रमुखता के बारे में भी बात की।

भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों ने भी साधा निशाना
नड्डा के पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘‘ये रंगे हुए लोगों का गठबंधन है, लेकिन जैसे ही ये बोलते हैं, इनकी सच्चाई सामने आ जाती है। सच्चाई कि ये सनातन विरोधी हैं, सच्चाई कि ये चुनाव के वक्त राम नाम जपते हैं, लेकिन राम नाम से चिढ़ते हैं। सच्चाई ये है कि बात मोहब्बत की दुकान की करते हैं लेकिन सामान नफरत का बेचते हैं।”

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जिस सनातन धर्म को भारत से मुगल, अंग्रेज एवं पुर्तगाली शासक नहीं मिटा पाए, उसे मिटाने की बात विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ वाले कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पुरानी बोतल में नई शराब जैसा है। केवल संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का नाम बदला गया है और नाम बदलने से नीति व नीयत नहीं बदलती है।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इनका (विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का) एजेंडा सनातन हिंदू धर्म को खत्म करना है। इसका विरोध हिंदू धर्म मानने वाले हर व्यक्ति को करना चाहिए और इस गठबंधन को इनकी जगह दिखाई जानी चाहिए।”

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