भगवान ओंकारेश्वर ने की पर्वत की परिक्रमा, कोटितीर्थ घाट पर पूजन और नर्मदा नदी में नौका विहार

खंडवा। तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में परंपरानुसार भादौ माह के दूसरे सोमवार को भगवान ओंकारेश्वर ओंकार पर्वत की परिक्रमा पर निकले। करीब सात किलोमीटर की इस यात्रा को पूरा करने में लगभग सात घंटे लगे।
पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया
यात्रा में जगह-जगह भगवान का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। परिक्रमा से पूर्व कोटितीर्थ घाट पर पूजन और मां नर्मदा में नौका विहार करवाया गया।
पहली बार आया ऐसा अवसर
यह पहला अवसर था, जब ओंकार पर्वत पर आकार दी जा रही आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के आंगन से भगवान की सवारी गुजरी।
मंदिर से रवाना हुई सवारी
तीर्थनगरी में भक्तों के हाल जानने के लिए ज्योतिर्लिंग ओंकारजी महाराज की सवारी दोपहर करीब दो बजे मंदिर से रवाना हुई।
सवारी ओंकार मठ होते हुए संगम घाट पहुंची
यहां से कोटितीर्थ घाट पर पूजन उपरांत सवारी ओंकार मठ होते हुए संगम घाट पहुंची। यहां ऋणमुक्तेश्वर पर रुद्र अभिषेक किया गया। यात्रा में ढोल-ताशे, झांझ, मजीरे और भक्तों के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो गया।