मदुरै ट्रेन हादसे से सबक, शुरू की ट्रेनों में सुरक्षा की उच्च स्तरीय समीक्षा

ग्वालियर। मदुरै में ट्रेन दुर्घटना के बाद सबक लेकर उत्तर मध्य रेलवे में सुरक्षा संरक्षा को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा शुरू हो गई है। महाप्रबंधक ने सभी ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था व आग जैसी घटनाओं को लेकर रिपोर्ट मांगी है। मदुरै में कोच के अंदर आग लगने के बाद यात्रियों के जिंदा जलने के बाद उत्तर मध्य रेलवे में सुरक्षा संरक्षा को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा शुरू हो गई है। उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सतीश कुमार ने उत्तर मध्य रेलवे की सभी ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था व आग जैसी घटनाओं को लेकर रिपोर्ट मांगी है।
उन्होंने अगले चार महीने में सभी लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) कोच को फायर स्मोक डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम (एफडीएसएस) से लैस करने का निर्देश दिया है। यह प्रणाली ट्रेन में आग लगते ही स्वत: पानी बरसाने लगती है। पानी की बौछार से तत्काल आग पर काबू पाने में मदद मिलती है। महाप्रबंधक को भेजी गई प्राथमिक रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले 475 एलएचबी कोच व 50 पावर कार में एफडीएसएस लगा दिया गया है। अब मात्र 29 एलएचबी कोच में ही एफडीएसएस लगना है, जो अगले चार महीनों में लगा दिया जाएगा। मदुरै घटना की जांच में खुलासा हुआ है कि कोच में एफडीएसएस नहीं था। इसके चलते आग को फैलने से रोका नहीं जा सका और हादसा हो गया। अब इस तरह की घटना एनसीआर की किसी ट्रेन में न हो इसके लिए युद्ध स्तर पर तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। अगले माह होने वाली संरक्षा बैठक में उत्तर मध्य रेलवे के तीनों मंडल रेल प्रबंधकों (प्रयागराज, आगरा व झांसी) प्रयागराज स्थित मुख्यालय में अपनी फाइनल रिपोर्ट भी सबमिट करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोच में आग जैसी घटनाओं से बचाव के पुख्ता इंतजाम हों।