श्रावण महोत्सव की आठवीं शाम, डा. रोनू मजूमदार की मुरली के माधुर्य ने मोहा मन

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा शनिवार को त्रिवेणी संग्रहालय के सभागार में आयोजित अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव “शिव संभवम” की आठवीं शाम यादगार रही। डा.रोनू मजूमदार ने मुरली के माधुर्य से मौजूदा कलारसिकों का मन मोह लिया। रसिका गावड़े के शास्त्रीय गायन व उज्जैन की दीक्षा सोनवलकर की प्रस्तुतियों में भी प्रतिभा दिखाई दी।
मुख्य अतिथि इंदौर के ज्वाइंट कमिश्नर प्रतीक सोनवलकर द्वारा दीप प्रज्वलित कर शाम का शुभारंभ किया गया। इसके बाद प्रथम प्रस्तुति रसिका गावड़ के शास्त्रीय गायन की रही। रसिका ने राग पूरिया कल्याण एकताल विलंबित लय में बंदिश सु बनावन आये…..और दूसरी बंदिश त्रिताल मध्यलय में मोरे घर आजा…. की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का समापन एक कजरी बरसन लागी बदरिया….से किया। गावड़े के साथ तबला संगत अनूप राजे पवार एवं हारमोनियम संगत डा.रचना शर्मा ने की |
दूसरी प्रस्तुति मुंबई के सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक पं. रोनू मजुमदार की हुई। मजुमदार ने अपनी प्रस्तुति का आगाज राग बागेश्वरी में आलाप, जोड़, झाले के बाद झपताल विलंबित एवं द्रुत लय में बंदिश से किया। तबला संगत अरविंद आज़ाद व बांसुरी संगत कल्पेश साचला ने की।
अंतिम प्रस्तुति उज्जैन की कथक नृत्यांगना जयपुर घराने की दीक्षा सोनवलकर की हुई। प्रस्तुति में साथी कलाकार के रूप में पढंत पर प्रतिभा रघुवंशी एलची, तबला पर अभिषेक माथुर, सितार पर डा. विनीता माहुरकर, गायन एवं हारमोनियम पर आस्तिक उपाध्याय ने की।