जिला अस्पताल में लिया इलाज प्रबंधन नहीं दे रहा दस्तावेज

ग्वालियर। जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालात यह है कि यहां पर आला अधिकारियों के आदेशों को भी दरकिनार कर दिया जाता है। प्रसूति गृह की व्यवस्थाएं दिन प्रतिदिन बेपटरी होती जा रही हैं। यहां पहुंचने वाले मरीजों से अवैध वसूली के साथ ही निजी अस्पतालों में रैफर किया जाना आम बात हो गई है। जिसको लेकर तमाम शिकायतें भी सिविल सर्जन के पास पहुंचती हैं। लेकिन सिविल सर्जन द्वारा कार्रवाई करने की जगह मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
ऐसे में एक शिकायतकार्ता ने भोपाल तक शिकायत की है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक ने सिविल सर्जन को आदेश जारी कर दस्तावेज उपलब्ध कराने की बात कही। लेकिन कई बार आदेश जारी होने के बाद भी सिविल सर्जन डॉ. आर.के. शर्मा दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। इतना ही नहीं संयुक्त संचालक द्वारा 25 जुलाई को दोबारा आदेश जारी कर तीन दिन में दस्तावेज उपलब्ध कराने के दोबारा आदेश जारी किए गए। उसके बाद भी सिविल सर्जन ने कुछ प्रकरणों के दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। जिसको लेकर अब सिविल सर्जन पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।
इन प्रकरणों के मांगे दस्तावेज
– 18 मई को मनीषा जाटव ग्राम मुरार के उपचार में बरती गई लापरवही गई थी। इसलिए उक्त मामले में दिनांक 17 व 18 मार्च को ड्यूटी चिकित्सक, स्टाफ नर्स के ड्यूटी रोस्टर, प्रसूता मनीषा का ओपीडी/आईपीडी के पर्चे एवं जांच आदि केश शीट की सत्यापित प्रति उपलब्ध नहीं कराए गए। अंजली जाटव पत्नी परमाल निवासी ग्राम लेहचुरा मालनपुर द्वारा बच्ची को जन्म दिया। लेकिन प्रसव के दौरान बच्ची नर्स के हाथ से फिसल गई। इसलिए उक्त प्रकरणा में प्रसूता का भर्ती पर्चा, केश शीट के अलावा ड्यूटी चिकित्सक, नर्स का रोटर के अलावा लेवर रूम में उपस्थित चिकित्सक व स्टाफ नर्स के नाम व पदनाम की सूची उपलब्ध कराने की बात कही गई, जो आज दिन तक उपलब्ध नहीं कराए गए।
– संगीता पत्नी विजेन्द्र निवासी फुटी कॉलोनी हुरावली से प्रसव के नाम पर पैसे मांगे गए। उक्त प्रकरण में भी मरीज की कैस सीट सहित ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक व स्टाफ की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। अर्चना पत्नी आशीष निवासी भीमनगर हजीरा की प्रसव के बाद उपचार के बरती गई लापरवाही के कारण 29 मई को मृत्यु हो गई थी। उक्त प्रकरणा में भी ड्यूटी रोस्टर सहित मरीज की केस शीट सहित अन्य दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। 1 मई को प्रियंका पत्नी गोरव निवासी गोसपुरा को समय पर उपचार न मिलने पर गर्भ में ही बच्चे की मृत्यु हो जाने के मामले में भी भर्ती पर्चा, केश सीट सहित ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक व स्टाफ की जानकारी उपलब्ध नहीं कराए गए।रीना पत्नी विजेन्द्र निवासी पिन्टो पार्क से ऑपरेशन के नाम पर दो हजार वसूले गए। उक्त मामले में भी आज दिन तक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए।