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मध्यप्रदेश

कैंसर अस्पताल के बेसमेंट से हटा रहे कोबाल्ट मशीन में लगी आग परिसर में फैला धुआं

 इंदौर। कैंसर अस्पताल बेसमेंट में सालों से रखी कोबाल्ट मशीन को काटने के दौरान बुधवार को अचानक उसमें आग लग गई। आग लगने के कारण अस्पताल परिसर में अचानक धुआं उठने लगा। जिससे वहां मौजूद मरीज और स्वजन घबरा गए। धुआं देखने के बाद अस्पताल से बाहर निकलकर इधर-उधर भागने लगे। जिसके बाद एमवाय अधीक्षक डा. पीएस ठाकुर भी मौके पर पहुंचे।

कंडम कोबाल्ट मशीन काटने की अनुमति नहीं ली गई

आरोप है कि कंडम कोबाल्ट मशीन काटने की अनुमति नहीं ली गई थी। जबकि इसे काटने के लिए पांच लोगों की समिति बनती है, साथ ही एईआरबी से अनुमति की जरूरत होती है। वहीं इसका जिम्मेदार सह प्राध्यापक रेडियोथैरेपी विभाग डा. ओपी गुर्जर को ठहराया जा रहा है।

बैसमेंट में जलजमाव की समस्या

उन्होंने कहा कि इसमें मेरी कोई गलती नहीं है। बता दें कि यहां बेसमेंट में जलजमाव की समस्या बनी हुई है। जिसके समाधान के लिए यहां करीब 60 लाख रूपये का काम हो रहा है। इस कार्य को आइडीए द्वारा करवाया जा रहा है। मशीन को यहां से हटाया जाना है, क्योंकि यहां ओपीडी संचालित की जाएगी, लेकिन जो लोग मशीन को काट रहे थे, वह प्रशिक्षित नहीं थे।

मशीन 30 साल से कंडम पड़ी हुई

बताया जा रहा है कि मशीन 30 साल से कंडम पड़ी हुई है। इसके अंदर आइल भरा हुआ था, जिसके कारण आग लगी। जानकारी अनुसार आग लगने के बाद मौके पर पहुंचे अधीक्षक ने डा. गुर्जर का नाम लेकर कथित रूप से अपशब्द भी कहे। वहीं मामले में अधीक्षक डा. ठाकुर का कहना है कि सूचना के बाद मौके पर पहुंचा और आग बुझवा दी है। किसी भी मरीज को कोई परेशानी नहीं आई है।

मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं

मामले में डा. ओपी गुर्जर का कहना है कि कैंसर अस्पताल में लगी आग में मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है। बेसमेंट में लगी मशीन करीब 30 साल से बंद है। तत्कालीन अधीक्षक एवं रेडिसन फैकल्टी द्वारा डीकमपोस किया होगा। इसे अस्पताल के आरएसओ से जोड़कर देखना गलत है। मैं ना अधीक्षक हूं और ना ही उप अधीक्षक हूं, इसलिए जो भी घटना हुई है उसकी जिम्मेदारी मेरी नहीं है। अस्पताल से घर दूर होने के कारण थोड़ा देरी से पहुंचा था। ऐसी दुर्घटना के लिए मेरे नाम से अपशब्द कहना और गलत ठहराना न्याय पूर्ण नहीं है। इसमें शिकायत करूंगा।

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