सदन का आज आखिरी दिन: अखिलेश ने योगी पर कसा तंज, बोले- नेता सदन बहुत समझदार हैं, बड़े-बड़े सपने दिखाते हैं…

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है। नेता सदन योगी आदित्यनाथ विधानसभा पहुंच गए हैं। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव सदने में बोल रहे हैं। अखिलेश ने किसानों की दोगुनी आय को लेकर योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि नेता सदन साढ़े छ साल से मुख्यमंत्री है, लेकिन गोरखपुर का हाल नहीं सुधार पाए, जो अपना घर नही सुधार सके वो क्या करेंगे। एक मंडी नही बना पाए, किसानों की आय क्या दोगुनी करेंगे। आज आलू का क्या भाव मिल रहा है, आलू सड़ गई, खरीदी के लिए क्या तैयारी है? गन्ना किसानों का कितना बकाया है बताएं!!
अखिलेश ने कहा कि सरकार ने दूध उत्पादन के लिए कोई बजट नही दिया, काऊ मिल्क प्लांट बंद है, डेयरी प्लांट के उच्चीकरण के लिए 256 करोड़ दिये गये थे,क्या हुआ?? डेयरी को ये लोग प्राइवेट हाथों मे देने जा रहे है! अखिलेश ने कहा कि इस सरकार का प्रिय जानवर सांड है। ये कोई छोटा मुद्दा नही है। ये किसानों और सड़क पर चलने वालों के लिए है। आज सड़क पर चलते हुए सांड से टकराकर मौते हो रही है। आए दिन सोशल मीडिया पर हमको वीडियो देखने को मिल जाते है। क्या आप को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने के लिए यही अमेरिका में दिखा, ये नहीं दिखा? इतना ही है तो आप अपने जिले मे सांड सफारी बनवा लीजिये, हम तो लायन सफारी बनवाएं है।
ये दिल्ली और लखनऊ वाले इंजन टकरा रहे हैं…
उन्होंने सीएम योगी से पूछा, मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम कहां है, फ्रेट कॉरिडोर कहां है। अगर यह आपने बनाया है तो यह गोरखपुर होकर क्यों नहीं जा रहा है। यह सब पिछली सरकारों का बनाया गया है। अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा, चैरिटी बिगिन्स एट होम, नेता सदन आपने अंग्रेजी अखबार को इंटरव्यू दिया है। गोरखपुर की कोई ऐसी गली बता दें जहां पानी न भरता हो। साढे छह से सीएम हैं लेकिन आप अपने क्षेत्र में जलभराव नहीं ठीक करा पा रहे हैं। क्या आपने आलू एक्सपोर्ट किया, किसानों की आय दोगुनी होने पर अखिलेश ने सवाल किया। आपने चावल एक्सपोर्ट किया है। मुझे लगता है कि ये दिल्ली और लखनऊ वाले इंजन टकरा रहे हैं। योगी जी बताएं कब से बंद है एक्सपोर्ट। आम तो पहले भी जाता था। आलू, चावल कितना एक्सपोर्ट हुआ यह भी बताएं। सब्जियां मिर्जापुर, बलिया से लंदन जा रही हैं।
‘सपना है वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का और टमाटर के ठेले लगा रहे’
टमाटर की महंगाई पर वह बोले, लेकिन आप टमाटर पर बात नहीं करना चाहते। आपका चेहरा लाल हो जाता है। लेकिन महंगाई पर सवाल उठाने पर आप लोगों को जेल भेजते हैं। आपने न केवल दुकानदार को बल्कि बेटे को भी जेल भेज दिया। टमाटर पर आपने फोर्स लगा दी क्योंकि हमने कहा कि ऐसा न हो कि टमाटर पर जेड सिक्युरिटी देनी पडे़। आपको क्यों दुकानें लगानी पड़ीं। सपना दिखा रहे वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का और टमाटर के ठेले लगा रहे हैं।
सरकार मिल्क प्लांट बंद कर रही है- अखिलेश
अखिलेश बोले, यह सरकार मिल्क प्लांट बंद कर रही है। मेरठ में बंद हो गया। कुक्कुट विकास पर हमारी सरकार में काम कर रही थी। अंडों का मार्केट बताएं नेता सदन। इसमें नॉनवेज और वेज की बात न करें। बात को दूसरी दिशा में ले जाएं। आप इस योजना को खत्म करना चाहते है। अगर वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का सपना देख रहे हैं तो इधर ध्यान देना होगा। बाघों के हमलों पर सरकार को घेराजंगली जानवरों के हमलों से हुई मौतों पर अखिलेश ने पूछा, यह जो जान जा रही है गुलदार, तेंदुए, बाघ से और कभी सांड से। आप मुस्कुराने लगे सांड का नाम सुनकर। इनमें 40 से ज्यादा गरीब किसानों की जान जा चुकी है। गुलदार और टाइगर के हमले में लखीमपुर, बिजनौर में गई। ये खेतों में घूम रहे हैं, किसान जा नहीं पा रहे हैं।
अखिलेश ने कहा, यह सूची लंबी है। बिजनौर में एक दिन दो दिन की बात नहीं है। सात-आठ महीनों से खेतों में नहीं जा पा रहे है। कोई हफ्ता नहीं जाता जब किसान की जान न जा रही हो। सरकार उनकी क्या मदद कर रही है। क्या योजना है। सुनते हैं नई गन खरीद रही है सरकार। तो इतने दिनों से क्या कर रही थी सरकार। हमने सरकारी कोष से मदद की थी। ‘आप सांड सफारी ही बना लें’ सैफई में लायन सफारी में पांच में से सिंहों के चार शावक मर गए, सरकारी ने ध्यान नहीं दिया। कोई चीज पुरानी सरकार ने बनाई है जो वर्ल्ड मैप पर यूपी को ला सकती है तो उस पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन जब लायन सफारी नहीं संभाल पा रहे तो कम से कम सांड सफारी ही बना लें।
जिन कांवड़ियों की जान गई आप उनकी मदद क्यों नहीं करते हैं…
‘कांवड़ियों के परिवारों को दें एक करोड़, सरकारी नौकरी’ आप कांवड़ियों पर फूल बरसाते हैं, अधिकारी पैर दबाते हैं। सरकारी हेलिकॉप्टर से फूल बरसाते हैं। मुख्यमंत्री खुद ऐसा करते हैं। लेकिन जिन लोगों की जान गई आप उनकी मदद क्यों नहीं करते हैं। जिन कांवड़ियों की जान गई उनसे मिला हूं। सब किसान हैं, गरीब हैं। क्या उन परिवारों की मदद नहीं होनी चाहिए। जो ताजिए लेकर गए थे, जो मारे गए। सरकार ताजिए वालों को और कांवड़ियों दोनों को एक-एक करोड अनुदान दें, सरकारी नौकरी दें। ऐसा नहीं करते तो आपकी हर कोशिश फर्जी है।