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मध्यप्रदेश

अवकाश का फर्जी आदेश वायरल करने का मामला सायबर सेल को एफआइआर दर्ज नहीं

जबलपुर। चार दिन पहले प्रकाश में आए स्कूलों के अवकाश संबंधी फर्जी आदेश को लेकर खुर्दबीनी शुरू हो गई है। यह मामला सायबर सेल को दिया जा चुका है। यह पता लगाया जा रहा है कि इंटरनेट मीडिया पर इसे सबसे पहले अपलाेड करने वाली कौन सी डिवाइज है और उसका इस्तेमाल कौन कर रहा है। इस बात का पता चलते ही संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध भ्रामक सूचना देकर अफवाह फैलाने का प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

नई दुनिया की खबर का असर, आठ अगस्त को पेज नंबर पांच पर प्रकाशित

आपके अपने अखबार नई दुनिया की खबर का असर, आठ अगस्त को पेज नंबर पांच पर प्रकाशित है। छह अगस्त को इंटरनेट मीडिया पर सरकारी और निजी स्कूलों की छट्टी संबंधी एक आदेश वायरल हो रहा था। इस आदेश में सात अगस्त को अवकाश की घोषण किए जाने का जिक्र रहा। यह आदेश कलेक्टर के हस्ताक्षर से जारी किया गया था।

जिम्मेदार की ओर से कोई एफआइआर दर्ज नहीं कराई गई

जानकारी प्रशासन के आला अफसरों को लगी, उन्होंने तत्काल शिक्षा विभाग के मुखिया के माध्यम से उपरोक्त आदेश का खंडन कराया और लोगों को सूचित कराया कि वह आदेश फर्जी है। लेकिन इसे लेकर किसी भी जिम्मेदार की ओर से कोई एफआइआर दर्ज नहीं कराई गई। जबकि यह मामला पहली ही नजर में सायबर क्राइम से संबंधित दिखाई पड़ रहा था।

प्रशासन और शिक्षा विभाग के अफसर कुछ भी बोलने तैयार नहीं

प्रशासन और शिक्षा विभाग के अफसर इस बारे में कुछ भी बोलने तैयार नहीं रहे। नईदुनिया ने आठ अगस्त के अंक में इस फर्जीवाड़े को लेकर खबर प्रकाशित की। इसके बाद जागे प्रशासन ने मामला जांच के लिए सायबर सेल को दिया। कहा जा रहा है कि भ्रामक सूचना देने वाले के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला गलत सूचना देकर लोगों को भ्रमित करने का

कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन बोले- यह मामला गलत सूचना देकर लोगों को भ्रमित करने का है। इसे प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। मामले की जांच के लिए सायबर सेल को कह दिया गया है। जैसे ही इंटरनेट मीडिया पर इसे सबसे पहले अपलाेड करने वाली डिवाइज और उसका इस्तेमाल करने वाले का पता चलेगा, संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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