ब्रेकिंग
10 रुपये का विवाद... गांव पहुंची बस तो कंडक्टर की हो गई धुनाई, तो कंडक्टर की हो गई धुनाई, तो कंडक्टर... संपत्ति विवाद में सगे भाई ने नवविवाहित छोटे भाई की दांतो से कांटी ऊंगली कटकर हुई अलग बचाने आऐ दूसरे ... मुरैना हॉप इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में इलेक्ट्रॉनिक स्कूटी में अचानक हुआ विस्फोट फायरबिग्रेड ने बड़ी मशक्... मुरैना के सबलगढ़ में जमीनी विवाद में चले लाठी-डंडे फायरिंग एक गंभीर घायल गुजरात के खेड़ा जिले में नहाने गए छह भाई-बहन, एक-एक कर के लील गई नदी, गर्मी से राहत की जगह मिली मौत उज्जैन स्लीपर बस पलटी गर्भवती महिला सहित 9 घायल केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत
मध्यप्रदेश

सफाई पर हर साल करोड़ों का खर्च शहर में फिर भी लगे कचरे के ढेर

मंदसौर। स्वच्छता सर्वेक्षेण के लिए शहर मे कभी भी टीम आ सकती है, लेकिन नगपालिका इसके लिए गंभीर नहीं दिख रही है। सर्वेक्षण में नंबर एक पर आने की सिर्फ बातें ही हैं, हकीकत में शहर में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे है, नपा ने 11 लाख में खरीदे डस्टबिन भी अब तक पूरे शहर में नहीं लगे है। नालों में गाद जमा है। इसके साथ ही नपा प्रतिबंधित पालीथिन के विक्रय और उपयोग को भी नहीं रोक पाई है।

शहर में स्थिति ठीक नहीं

स्वच्छता सर्वेक्षेण शुरू होने से पहले शहर में स्थिति ठीक नहीं है। जगह-जगह कचरे के ढेर दिखाई दे रहे है, जबकि सर्वे दल की शहर में कभी भी आमद हो सकती है। ऐसे में कचरे के ढेर बने रहे तो स्वच्छता की रैंकिंग में शहर पिछड़ सकता है। स्वच्छता सर्वे की तैयारियों और सफाई कार्य पर सालभर में 12 करोड़ खर्च हो रहा है, उसके बाद भी शहर में स्वच्छता को लेकर अभी स्थिति में सुधार की आवश्यकता बनी हुई है।

संसाधनों पर भी नपा पानी की तरह पैसे बहाती रही है इसके बावजूद हालात ठीक नहीं है। नपा शहर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए धरातल पर कम और कागजों में ही ज्यादा ठीक दिखाने की कोशिश कर रही है, यहीं कारण है की स्वच्छता सर्वे के लिए दल आने वाला है उस समय भी शहर का कचरा प्रतिदिन ट्रेंचिंग ग्राउंड नहीं पहुंच रहा है।

हर दिन निकालता है 50 टन से अधिक कचरा

शहर में हर दिन 50 टन से अधिक कचरा निकलता है। इस कचरे को ट्रेचिंग ग्राउंड तक पहुंचाने के लिए नपा को हर माह बड़ी राशि खर्च कर रही है। कचरा गाड़ियों से लेकर डंपर, ट्रैक्टर से लेकर जेसीबी हर दिन चल रहे है, बावजूद सभी कचरा नहीं उठ रहा। शहरभर में अनेक स्थानों पर कचरे के ढेर नजर आ रहे है, जहां पर वार्डो का कचरा एकत्र किया जाता है।

हर साल एक करोड़ खर्च

स्वच्छता सर्वे की तैयारियेां में जुटे नपा के अधिकारी और कर्मचारी हर साल की तरह इस बार भी मंदसौर को टाप-10 में लाने का दावा कर रहे हैं। हर माह संसाधनों से लेकर डीजल और कर्मचारियों के वेतन पर एक करोड़ से अधिक स्वच्छता के नाम पर नपा लगा रही है।

स्वच्छता सर्वे के समय जागरुकता, पेंटिंग, रंगाई-पुताई से लेकर अन्य कामों पर भी एक करोड़ रुपये से अधिक हर बार नपा व्यय कर रही है। इतना अधिक धन खर्च करने के बाद भी सफाई शाखा से जुड़ी शिकायतों का ग्राफ कम नहीं हो रहा है। शहर में स्वच्छता के इस महामिशन का असर भी नहीं दिख रहा है। हर दिन की तरह ही सफाई हो रही है और जहां कचरा एकत्र होता है वहां दोपहर तक कचरा पड़ा मिल रहा है।

प्रतिबंधित पालीथिन को लेकर भी कार्रवाई नहीं

इस साल स्वच्छता सर्वे में प्रतिबंधित पालीथिन के विक्रय और उपयोग को पूरी तरह से रोका जाना है, लेकिन अब तक नपा रोकथाम नहीं कर पाई है। प्रतिबंधित पालीथिन के विक्रय और उपयोग पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए नपा के पास कोई प्लानिंग ही नहीं है। अब तक प्रशासन और नगर पालिका ने प्रतिबंध का पालन करवाने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किये है।

कभी-कभी नगरपालिका का स्वास्थ्य अमला प्रतिबंधित पालीथिन पर कार्रवाई लिए निकलता भी है तो सब्जी, फूल, फल विक्रेताओं से पालीथिन जब्त करने के अलावा कुछ नहीं करता। जबकि शहर में 10 से अधिक व्यापारी प्रतिबंधित पालीथिन भी धड़ल्ले से बेच रहे है, व्यापारियों से यहां से आसानी से मिलने के कारण ही छोटे दुकानदारों तक पहुंचती है, लेकिन नपा ने कभी भी व्यापारियों की दुकानों पर कार्रवाई नहीं की है।

शहर में स्वच्छता सर्वे के लिए तैयारियां चल रही है। सभी तैयारियों को पूरा किया जा रहा है। सर्वे दल कभी भी आ सकता है हमारी तैयारियां भी पूरी है। कचरा प्रतिदिन उठाकर ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंचाया जा रहा है। -हेमचंद शर्मा, स्वच्छता अधिकारी, नपा मंदसौर

Related Articles

Back to top button