चूहों और केकड़ों ने दमोह जिले के पौड़ी बांध की दीवार को कर दिया था खोखला

भोपाल। धार के कारम बांध जैसी लापरवाही दमोह जिले की तेंदूखेड़ा तहसील में स्थित पौड़ी बांध में भी सामने आई है। जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अभियंताओं ने नियमित निरीक्षण नहीं किया और चूहों एवं केकड़ों ने बांध की दीवार को खोखला कर दिया।
प्रारंभिक जांच में मिले तथ्य
बांध की प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आए हैं। सागर संभागायुक्त ने घटना के लिए जिम्मेदार दो अभियंताओं को निलंबित कर दिया है। अब घटना की विस्तार से जांच की जा रही है।
2007 में हुआ था बांध में रिसाव
वर्ष 2005 में बनाए गए इस बांध में 2007 में रिसाव हुआ था। तब जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बांध की दीवार पर काम कराया गया था।
सोमवार को फिर हुआ रिसाव
सोमवार को अचानक बांध से फिर पानी का रिसाव होने लगा। ग्रामीणों की सूचना पर कलेक्टर-पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे, बांध की मरम्मत के प्रयास किए गए, पर सफलता न मिलने पर पौड़ी और जैतगड़ गांव को खाली कराया गया। लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया।
बांध टूटने से 1600 परिवारों की गृहस्थी का सामान बहा
मंगलवार सुबह बांध टूट गया, जिसमें दोनों गांवों में रहने वाले 1600 परिवारों की गृहस्थी का सामान बह गया। खेतों में खड़ी फसल नष्ट हो गई।
दीवार की देखरेख में हुई चूक
जानकार बताते हैं कि बांध की देखरेख करने वाले अभियंताओं को प्रतिवर्ष वर्षा से पहले बांध की दीवार को देखना था और कमजोर दिखाई देने पर उनकी मरम्मत भी करनी थी, पर ऐसा नहीं हुआ।
देखरेख का अभाव
देखरेख के अभाव में चूहों और केकड़ों ने मिट्टी निकालकर बांध की बुनियाद को कमजोर कर दिया था। इस कारण पानी रिसाव होने लगा और धीरे-धीरे करके मिट्टी बह गई। बता दें कि धार के कारम बांध में भी ऐसी ही लापरवाही बरती गई थी, दीवार की देखरेख ठीक से न होने के कारण उसकी धंसाई ठीक से नहीं हो पाई थी और वर्षा का पानी बढ़ने पर बांध से पानी रिसने लगा। आखिर बांध को काटकर पानी निकाला गया।