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ग्वालियर जन आक्रोश रैली में गरजी प्रियंका गांधी भाजपा को लिया आड़े हाथों।
ग्वालियर: प्रियंका गांधी ग्वालियर दतिया की बुंदेली और चंबल की मिश्रित देहाती में आगाज किया ग्वालियर में रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पहुंच , रानी को प्रणाम कर ललकारा सरकार को , कहा पुरानी पेंशन ही लागू होगी म प्र में, किसानों को बेरोजगारों को, मंहगाई को , टमाटर छाप मंहगाई को , व्यापारियों और छोटे व्यवसाईयों को, सब बहनों को 1500 रू महीना , गैस सिलेंडर कैवल 500 रू में देने , दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाने , किसान कर्ज माफी को , ठेले, रिक्शे वाले , ई रिक्शे, रेहड़ी पटरी वाले को उनकी आय बढ़ाने और उन्हें प्रशासन , सरकार और निगमों की दादागिरी और जबरदस्ती से मुक्ति , सबके लिये पहले दिन से ही हमारी सरकार म प्र में काम करना शुरू करेगी , हम हर बहिन बेटी भाई बेटे को रोजगार और सरकारी नोकरी देंगें । कहा चंबल की जनता धोखेबाज को कभी माफ नहीं करती , बदला जरूर लेती है , कमलनाथ ने कहा कि मुझे चंबल ग्वालियर के खून पर भरोसा है , यह ग्वालियर चंबल क्षेत्र ही है जिसने हमारी सरकार बनाई थी , और यही क्षेत्र फिर से हमारी सरकार बनायेगा , मै़ सबसे ज्यादा भरोसा यहां के लोगों पर करता हूं , श्रीमती प्रियंका गांधी ने दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाये जाने का अनुरोध कमलनाथ से किया , प्रियंका गांधी ने कहा कि अब हमें इतने प्रचंड बहुमत की और ऐसे लोगों ( विधायकों - मंत्रियों ) की सरकार बनानी है , जो न गिर सके और न बिक सके , सिंधिया को गद्दार बताते हुये कहा कि ये ग्वालियर रानी लक्ष्मीबाई का ग्वालियर है , लक्ष्मीबाई के साथ गद्दारी करने वाले और लोभ लालच में विचारधारा बदल लेने वाले सिंधिया का नहीं , ग्वालियर चंबल की धरती शूरवीरों की धरती है , यहां के लोग आर्मी में हर दूसरे घर से हैं, ये वीर शहीदों की धरती है , यहां गद्दारों के लिये ठौर नहीं है । प्रियंका गांधी ने मंच से ग्वालियर चंबल की धरती को प्रणाम किया , स्थानीय देहाती बोली , दलितों का अत्याचार उत्पीड़न , आदिवासियों का उत्पीड़न और शोषण , पटवारी घोटाला, व्यापमं घोटाला, महाकाल मंदिर घोटाला, गौशाला घोटाला सहित लगभग 3000 घोटाले बताये । मणिपुर पर प्रधान मंत्री को 77 दिन तक खामोश चुप्पी साधने का दोषी बताया और अब जब एक भयावह और दुखद महिला अत्याचार का वीडियो वायरल हुआ तो , एक लाइन का बयान दे दिया , ये नहीं बताया कि इतने दिन तक चुप क्यों थे और सरकार ने क्यों कुछ नहीं किया ।
