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मध्यप्रदेश

बारिश के सीजन में दूषित जल व खराब खानपान से बचें वरना होगी पेट से जुड़ी बीमारियां

इंदौर। वर्षा ऋतु में अक्सर बच्चों, युवाओं व आम लोगों को जलजनित बीमारियां होने की आशंका अधिक रहती है। इस मौसम में दूषित खानपान के कारण पेट संबंधित बीमारियां होने की भी प्रबल संभावना होती है। इस दौरान मुख्य रूप से दूषित जल के उपयोग से टाइफाइड, पीलिया, डायरिया, पेचिश एवं हैजा जैसी बीमारियां भी फैलती हैं।

जोनल मेडिकल आफिसर संयोगितागंज डा. अजय गुप्ता के अनुसार, दूषित खानपान से हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस ई संबंधी बीमारी भी होती है। हेपेटाइटिस होने पर मरीज को पीलिया, पेट में दर्द, बुखार, उल्टी, कमजोरी व भूख न लगने के लक्षण होते हैं। इसमें शीघ्र उपचार व आवश्यक सावधानी रखने पर मरीज दो से चार सप्ताह में ठीक हो पाता है।

बीमारी से बचाव का टीका लगवाएं

हेपेटाइटिस की बीमारी से बचाव के लिए हेपेटाइटिस ए का टीका लगाया जाता है। इससे इस बीमारी का बचाव संभव है। यह टीका दो साल से अधिक उम्र के बच्चे को लगाया जा सकता है। वर्षाकाल में बीमारियों बचाव के लिए जरूरी है कि स्वच्छ पेयजल का उपयोग करें। आपके आसपास का परिवेश स्वच्छ हो और साबुन से नियमित रूप से हाथ धोएं। इससे बीमारी का खतरा कम हो जाता है।

कुछ भी खाने से पहले हाथ जरूर धोएं

घरों में भोजन बनाने व पीने में शुद्ध उबले हुए जल का उपयोग करें। कुछ भी खाने के पहले व शौच के पश्चात साबुन से अवश्य हाथ धोएं। गौरतलब है कि शुद्ध पेयजल की कमी के कारण देश में जलजनित रोगों से सबसे अधिक लगभग 80 प्रतिशत मौतें होती हैं। अत: स्वच्छ पेयजल व शुद्ध भोजन ही करें।

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