पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी की जयंती पर दिग्विजय पहुंचे तो शिवराज उठकर चल दिए

भोपाल । राजनीति के संत कहे जाने वाले स्वर्गीय कैलाश जोशी की जयंती पर मानस भवन में आयोजित कार्यक्रम संत स्मरण दिवस-राजनीति के संत कैलाश जोशी में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पहुंचे तो वहां मौजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चले गए। भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित अन्य भाजपा नेता भी चले गए। इसके पहले मुख्यमंत्री ने हाटपिपल्या आइटीआइ और देवास के पुराने फ्लाईओवर का नाम स्व. कैलाश जोशी जी के नाम पर करने की घोषणा की।
सदैव अहंकार मुक्त और उत्साह से भरे रहते थे जोशी जी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्व. कैलाश जोशी ऐसे तपस्वी व्यक्तित्व थे, जिनका कार्य और आचरण ही बोलता था। अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन वे आम लोगों के लिए जीते थे। उनकी प्रतिबद्धता आमजन और समाज के प्रति थी। सदैव अहंकार मुक्त और उत्साह से भरे रहते थे। ऐसा नहीं है कि उन्हें क्रोध न आता हो।
वर्ष 1974 में भोपाल में उप चुनाव के दौरान राजधानी में एक मतदान केंद्र पर कैलाश जी का रौद्र रूप भी देखने को मिला था। आज पूछा जाए कि आदर्श जन-प्रतिनिधि कैसा हो, तो स्व. कुशाभाऊ ठाकरे जी के साथ ही कैलाश जी का नाम सबसे ऊपर उभर कर आता है।
सीबीआइ, आइटी और ईडी से बचना है तो जोशी जी को आदर्श मानो
दिग्विजयपूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब मैं पहली बार विधायक बना तो कैलाश जी मुख्यमंत्री थे। जितने लोग भी राजनीति में आना चाहते हैं या किसी से कुछ सीखना है, किसी के रास्ते पर चलना है या आदर्श मानना है तो कैलाश जी को मानें क्योंकि तभी सीबीआइ, आइटी और ईडी के जमाने में स्वयं को बचा पाओगे।
वे उस काल के राजनेता थे, जो साइकिल पर चलते थे। सरल और हंसमुख स्वभाव के थे। अब ऐसा किसी भी राजनीतिक दल में देखने को नहीं मिलता है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कहा कि उन्होंने हमेशा सिद्धांत आधारित राजनीति की।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री हितानंद शर्मा ने बताया कि एक संगठन को वट वृक्ष के रूप में गढ़ते हुए उन्होंने सभी को प्रेरणा दी। इसअवसर पर स्वर्गीय जोशी के स्वजन, भाजपा और कांग्रेस के पदाधिकारियों के अलावा शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।