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मध्यप्रदेश

जबलपुर के गोपालपुर घाट पर तेज बहाव में फंसीं चार जिंदगी केा बचा लिया

जबलपुर। नर्मदा नदी के गोपालपुर घाट पर रविवार की शाम अचानक जलस्तर बढ़ने से चार युवक नदी के तेज बहाव में फंस गए। अच्छा यह रहा कि वे सभी चट्टानों पर खड़े रहे और जलस्तर उनके पैरों तक ही पहुंच पाया था। जैसे ही प्रशासन और पुलिस को इसकी जानकारी लगी तत्काल रेस्क्यू अापरेशन शुरु कर दिया गया, लेकिन अंधेरा होने और नदी में पानी का बहाव तेज होने की वजह से बचाव कार्य में लगे लोगों को देर रात तक सफलता नहीं मिल पाई। एसपी विद्यार्थी ने कहा कि रात में एनडीआरएफ की टीम काम करेगी कोशिश है कि वाटर लेबल कम होते ही रेस्क्यू कर लिया जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो सुबह एयर लिफ्ट भी कर सकते है अभी रेस्क्यू रात में जारी रहेगा। सारी रात की मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित चारों केवट परिवार के लड़कों को जो कि गढ़ा पुरवा निवासी थे और यहां पिकनिक मनाने आए थे सकुशल निकाल लिया गया है उनके साथ पूरी टीम का एक ग्रुप फोटो भी ली।

पानी इतना ज्यादा बढ़ चुका था कि उसमें पैर उतरना भी खतरे से खाली नहीं

भेड़ाघाट से ठीक पहले स्थित गोपालपुर घाट में नदी के नजदीक ही शाम को करीब चार ये युवक पार्टी के मूड़ में रहे। इस दौरान इनको अंदाजा भी नहीं हो पाया कि नदी में पानी का स्तर बढ़ रहा है। जब तक इन चारों युवकों को कुछ भी समझ आ पाता बहुत देर हो चुकी थी। पानी इतना ज्यादा बढ़ चुका था कि उसमें पैर उतरना भी खतरे से खाली नहीं रहा। बड़ी चुनौती यह भी रही कि चारों युवक दो अलग-अलग चट्टानों पर फंसे रहे। आस-पास मौजूद लोगों को जैसे ही युवकों के फंसे होने का अंदाजा हुअा, उन्होंने पुलिस और नगर पंचायत के गोताखोरों को इसकी जानकारी दी। कुछ ही देर में इन चारों जिंदगियों को बचाने की जद्दोजह शुरू हो गइ। शाम होते-होते मौके पर सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और होमगार्ड के जवान मौके पर पहुंच गए। कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन, एसपी टीे विद्यार्थी सहित प्रशासन और पुलिस का अमला मौके पर पहुंच गया।

शाम साढ़े चार बजे रेस्क्यू शुरू

इन चारों युवकों को बचान शाम करीब साढ़े चार बजे से प्रयास शुरु कर दिए गए। पांच बजे के आस-पास एनडीआरएफ की मोटरबोट युवकों के बहुत नजदीक पहुंच गई, लेकिन तेज बहाव की वजह से वो पलट गई। इसके बाद रात आठ बजे के आस-पास मोटर बोट को उनके पास तक ले जाने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। इसी बीच प्रशासन की ओर से सेना के जवानों को भी मदद के लिए बुलवा लिया गया। रात में करीब 11 बजे फिर मोटर बोट को उनके पास ले जाने का प्रयास किया गया, लेकिन इस बार भी बोट तेज बहाव की वजह से पलट गई।

ड्रोन से लाइफ जैकेट पहुंचाई

प्रशासन ने ग्लोबल इंजीनियरिंग कालेज से ड्रोन मंगवाकर उनके सहारे चारों युवकों तक लाइफ जैकेट पहुंचवाई। इसके बाद देर रात कृषि विश्वविद्यालय से भी एक बड़ा ड्रोन मंगवाया गया। संभवत: इसके सहारे युवकाें तक रस्सा पहुंचाने की योजना रही।

किस्मत से थम की वर्षा

इसे चारों युवकों की खुशकिस्मती ही कहा जाएगा कि शाम से वर्षा नहीं हुई। पानी नहीं गिरने से नर्मदा का जलस्तर घटना भी शुरू हो गया। लेकिन अंधेरा होने की वजह से किसी भी प्रकार का जोखिम उठाने की स्थिति नहीं रही। राहत एवं बचाव दल इसी बात को लेकर संतुष्ट हैं कि मझधार में फंसे लोगों के पास तक लाइफ जैकेट पहुंच चुकी है। वे नदी में डूबेंगे तो नहीं ही।

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