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क्या देश की दिशा और दशा बिगड़ गए हैं देश जिस दौर से गुजर रहा है – आनंद सिकरवार
देश जिस दौर से गुजर रहा है, वहाँ कुछ छूट रहा है। आज सारा काम छोड़कर हमें अतीक की मौत पर वहस करनी पड़ रही है। निःशंदह इसकी आवश्यकता है। पर बहस इस बात पर क्यों नहीं होरही है कि अतीक अलीक कैसे बना | क्यों एक 17 साल के मासूम बालक ने दुर्दात डॉन का सरे आम कत्ल कर दिया। इतनी हिम्मत कहाँ से जुटाई उसने डॉन को मार कर डॉन बनने का विचार बालमन में आया कैसे। ऐसे और कितने भोले आले बालक हैं, जो इसी खतरनाक मानसिकता के साथ जी रहे हैं? बच्चा-बच्चा आज डॉन बनना चाहता है। नेता बनना चाहता है। मालिक बनना चाहता है। पर पढ़ लिखकर राष्ट्र की सेवा क्यों नहीं करना चाहता ? पहले इस प्रश्न पर विचार करते हैं। एक होनहार छात्र रात-दिन मेहनत करता है। आधी जिंदगी पढ़ते-पढ़ते गुजार देता है। फिर कम्पिटीशन | नो रिजल्ट | बेरोजगारी गरीबी लानत थू-थू जैसी मन को विदीर्ण कर देने वाली नकारात्मक सामाजिक कठिनाइयों का सामना करता है। परिवार भूखी लालाइत आँखों से घूरता दिखाई देता है। दूसरी और वही मासूम नौजवान जब कई कत्ल करके, बलात्कार करके जेल से जमानत पर छूट करके नेता बनता है, चुनाव जीतता है तो देश के नौजवानों के लिए आदर्श बन जाता है। जिन कर्मों के लिए गालियां मिलना चाहिए उन्हीं कुकर्मों के लिए तालियों की गूंज ब्रह्माण्ड को हिला देती है। समाज के समक्ष आधुनिक नेता की योग्यता एवम् अर्हता इस प्रकार प्रस्तुत होती है। सार्प शूटर हो | गरीब असहाय लोगों की जमीन हथियाने वाला हो। मासूम बच्चियों का बलात्कारी हो । सरेआम गोली चला सके। ऐसे राजनेता की तलाश हर राजनैतिक दल को है। इस योग्यता को अर्जित करने के लिए मात्र दुःसाहस की आवश्यकता है। आपको मात्र हिम्मत जुटानी है, बाकी काम राजनैतिक दल कर देते हैं। अब अतीक को क्या कोसना ? ये सब समाज की नाकामी है। अतीक की मौत पर लोग जश्न मना रहे हैं। उन्होंने शायद उस त्रासदी को जिया है जिसका जन्मदाता खुद अतीक था। एक जलवा था| राजनेता उसके कुत्ते से हाथ मिलाने में सम्मान समझते थे। ये सम्मान का भी अपमान था | एक छोटा इंशान | पाकिस्तान तक संबंध बना गया ऐसा माना जाता है। आई.एस.आई. से हाथ मिला लिया। लश्कर से संबंध रखता था। फिर देश में पुलिस क्यों ? मिलिट्री क्यों ? सरकारें क्यों ? इनकी जबावदेही क्या है ? देश मेहनत करता है | कर देता है। फिर आतंकबाद क्यों झेलता है ? अपनी ही जमीन पर देश सुरक्षित क्यों नहीं है ? क्या राम के पुनर्जन्म की राह देखनी पड़ेगी। वक्त बदलता है। अतीक का भी बदल गया। ऐवरेस्ट से ऊपर कोई ऊँचाई नहीं है। वहाँ से नीचे आना ही होता है। यातो उत्तर कर या लुढक कर | बचेंद्री पाल उतर कर नीचे आई थीं। अतीक लुढ़क कर नीचे आया । रावण के मरने से पहले मेघनाद को मरना ही होता है। रावण जैसे आतताई पुत्र शोक जिये बगैर मर नहीं सकते। सारी बातें कहने की आवश्यकता नहीं है। मेरा देश मेरा समाज बहुत समझदार है। अब मैंन मुद्दे पर आते हैं। हर और पुलिस, बीच में भूतपूर्व डॉन । अतीक अहमद | फूलपुर से सांसद | फूलपुर, पं. नेहरू की सीट !! राष्ट्र के प्रथम प्रधान मंत्री की सीटे !!! साथ में उसका भाई | असरफ चारों ओर देश काँ मीडिया | तीन नौजवान | फेक आइडेंटिटी प्रमुख मीडिया सवाल कर रहा है। अतीक जबाव देरहा है। जबाव अधूरे छूट गए। धाया। गोलियाँ चली। दोनों भाई मौके पर ढेर होगए। पुलिस अचंभित थी। पता नहीं...) ॥ अपराधी पकड़ लिए। जेल के अंदर पूछ-ताछ। एफ आई आर दर्ज होगई। कत्ल क्यों किया ? क्या शानदार जबाब मिला। डॉन को मार कर डॉन बनना चाहते थे। चक्र पूरा हुआ। चुनने वालों और चुने जाने वालों दोनों को ही अपना उत्तरदायित्व निभाना पड़ेगा | नहीं तो समाज का बिखरना निश्चित है। एक अतीक मरेगा और तीन पैदा होंगे। आज की हालत ये है कल क्या होगा सोचौ जरा | आनंद सिकरवार |
