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कलयुगी भाई ने जमीन रूपए के खातिर सगे दिव्यांग भाई को उतारा मौत के घाट भाभी वह सगे ताऊ ने भी दिया भरपूर साथ।
मुरैना के रामपुर में रिश्तों को तार-तार करने का मामला सामने आया है। यहां दिव्यांग व अविवाहित भाई का हिस्सा हड़पने के लिए उसके भाई व भाभी ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। इसमें मृतक के सगे ताऊ ने भी साथ दिया। हत्या के बाद उसकी लाश को जला दिया और अस्थियों व राख को पास की नदी में बहा दिया। यह उस समय किया जब युवक के माता-पिता घर पर नहीं थे। पिता को जब इसका पता लगा तो उसने पुलिस में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने नदी में से लाश के अवशेषों को खोजा और पंचनामा बनाकर भाई-भाभी तथा ताऊ के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। बता दें, कि रामपुर क्षेत्र के बेरखेड़ा गांव में मांगीलाल कुशवाह रहते हैं। उनके चार बेटे थे। सबसे बड़े बेटे का नाम राममूर्ति कुशवाह, दूसरे का वीरू कुशवाह, तीसरे का महेश कुशवाह तथा चौथे का आकाश कुशवाह है। सबसे बड़ा लड़का राममूर्ति दिल्ली में एक होटल में काम करता था। दूसरे नंबर का बेटा वीरू कुशवाह दिव्यांग था, उसकी उम्र 32 वर्ष थी तथा वह दिल्ली में मेट्रो में नौकरी करता था। उसने अपनी मेहनत के रुपयों से गांव में पक्का मकान बनवाया था तथा एक बीघा खेती खरीदी थी। इसी की हत्या कर दी गई है। तीसरे नंबर के बेटे महेश कुशवाह को उनके बड़े भाई बाबू कुशवाह ने गोद ले लिया था लिहाजा वह अपनी पत्नी व बच्चों के साथ बाबू कुशवाह के घर पर उनके साथ ही रहता है। चौथे नंबर का बेटा आकाश कुशवाह पुणे में नौकरी करता है। बांसुरी नदी में लाश को खोजवाते थाना प्रभारी पवन भदौरिया व अन्य बांसुरी नदी में लाश को खोजवाते थाना प्रभारी पवन भदौरिया व अन्य हिस्सा बांट व घर के बंटवारे पर होता झगड़ा दिव्यांग वीरू कुशवाह अविवाहित था तथा दिल्ली मेट्रो में नौकरी करता था। उसने अपनी मेहनत के रुपयों से गांव में पक्का मकान बनवा दिया था तथा एक बीघा खेती खरीद ली थी। मांगीलाल के तीसरे नंबर का बेटा महेश कुशवाह व उसकी पत्नी नीलम चाहते थे कि वह उस पक्के मकान को उन्हें दे दे, लेकिन वह उसके लिए तैयार नहीं था। वे लोग कहते थे कि तुम्हारी शादी नहीं हुई है और तुम यहां रहते भी नहीं हो, लिहाजा हमें यह मकान दे दो जिससे हम रहने लगें, लेकिन वह मकान देने के लिए तैयार नहीं था, इसी बात को लेकर भाई व भाभी से उसका झगड़ा चल रहा था। माता-पिता की गैर मौजूदगी में कर दी हत्या मांगीलाल कुशवाह ने बताया कि घटना वाले दिन 12 अप्रैल 2023 को वह अपनी रिश्तेदारी में फेरा करने गया हुआ था तथा उसकी पत्नी यानि मृतक की मां अपने मायके विजयपुर गई हुई थी। इसी बीच हिस्सा बांट को लेकर वीरू कुशवाह के साथ उसके छोटे बेटे महेश कुशवाह, पुत्रवधू नीलम कुशवाह व उसके बड़े भाई बाबू कुशवाह का झगड़ा हो गया। झगड़ा इतना बढ़ गया कि उन लोगों ने वीरू कुशवाह के ऊपर लाठी-डंडे तथा पत्थरों से हमला बोल दिया तथा पीटने लगे। उन लोगों ने उसे इतना पीटा कि पीटते-पीटते उसको मार डाला। जब वह मर गया तो बाबू कुशवाह अपने कुछ साथियों के साथ आया तथा वीरू की लाश को लेकर गांव के पास में बहने वाली बांसुरी नदी के किनारे ले गए। वहां उन्होंने चुपके से उसकी लाश का अंतिम संस्कार कर दिया तथा तुरंत ही उसकी जली लाश तथा राख को बांसुरी नदी में फैंक दिया पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है
