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मध्यप्रदेश

व्यापमं की विशेष अदालत ने 2 लोगों को 4 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई

नई दिल्ली| व्यापमं की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल व्यापमं द्वारा आयोजित 2012 की पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा से संबंधित एक मामले में दो आरोपियों को चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने सोनू राठौर और राजकुमार त्यागी को चार-चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 14,100 रुपये का जुर्माना लगाया।दोनों के खिलाफ 2014 में भिंड जिले के देहात थाने में मामला दर्ज किया गया था। बाद में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जांच अपने हाथ में ली।

आरोप है कि सिपाही के पद पर भर्ती हुए त्यागी ने अपनी ओर से पेपर लिखने के लिए सॉल्वर की व्यवस्था कर परीक्षा पास की थी।उनके चयन के बाद त्यागी को देहात में पदस्थापित किया गया। उस आरक्षक की सेवा पुस्तिका की जांच के दौरान पाया गया कि त्यागी के नाम से दो फोटो थे, एक सेवा पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ पर चिपका हुआ था और दूसरा पीसीआरटी-2012 के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीपीटी) के समय भरे गए फॉर्म पर था।

जांच के दौरान पाया गया कि न तो त्यागी की लिखावट और न ही हस्ताक्षर उत्तर पुस्तिका पर लिखी बातों से मेल खाते हैं।सीबीआई ने कहा, “इस प्रकार, यह स्पष्ट था कि त्यागी 2012 में लिखित परीक्षा के लिए उपस्थित नहीं हुए थे। गंभीर प्रयासों के बाद सीबीआई ने प्रतिरूपणकर्ता का पता लगाया। यह पाया गया कि त्यागी ने सोनू राठौर के साथ साजिश रची थी, जिसने उसकी ओर से परीक्षा में लिखा था।”सीबीआई ने जांच के बाद 10 मार्च 2018 को आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया था।

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