ब्रेकिंग
केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,... पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर खतरा मंडराया, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल मध्यप्रदेश में एक मई से होगे ट्रांसफर मुख्यमंत्री ने शिक्षण सत्र खत्म होने के बाद बताया तबादलों का क...
उत्तरप्रदेश

भागवत के बयान पर मौर्य का पलटवार, धर्म के ठेकेदारों की कलई खुली 

लखनऊ । रामचरितमानस की चौपाई के बहाने जातिवाद के मुद्दे पर बयानबाजी कर रहे समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के बयान से संजीवनी मिल गई है। दरअसल भागवत ने भारतीय समाज में जातिवाद पर बयान देकर कहा कि पंडितों ने सभी श्रेणी बनाई। अब मौर्य ने बयान को धर्म के ठेकेदारों की कलई खोलने वाला बताकर कहा कि अब रामचरितमानस से आपत्तिजनक टिप्पणी हटाने के लिए आगे आना चाहिए।
मौर्य ने कहा, जाति-व्यवस्था पंडितों (ब्राह्मणों) ने बनाई है। यह कहकर संघ प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों और ढोंगियों की कलई खोल दी है। कम से कम अब तो रामचरित मानस से आपत्तिजनक टिप्पणी हटाने के लिए आगे आएं। सपा नेता मौर्य ने कहा, यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है,तब साहस दिखाते हुए केंद्र को कहकर, रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवाएं। मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नहीं है।
दरअसल मुंबई में संत रोहिदास जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में भागवत ने कहा, जाति भगवान ने नहीं बनाई है। भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक हैं। कोई जाति, कोई वर्ण नहीं है। श्रेणी पंडितों ने बनाई, जो गलत है। देश में चेतना और विवेक सब एक हैं। उसमें कोई अंतर नहीं, बस मत अलग-अलग हैं। जब हर काम समाज के लिए है, तब फिर कोई ऊंच-नीच कैसे हो गया। उन्होंने कहा, भागवत ने कहा कि हमारे समाज को बांटकर लोगों ने हमेशा से फायदा उठाया है। सालों पहले देश में आक्रमण हुए, फिर बाहर से आए लोगों ने हमें बांटकर फायदा उठाया।

Related Articles

Back to top button