पैतृक गांव पहुंची शरद यादव की पार्थिव देह, भोपाल में सीएम शिवराज ने दी श्रद्धांजलि

भोपाल/नर्मदापुरम। जेडीयू (जनता दल) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की पार्थिव देह दोपहर करीब सवा तीन बजे नर्मदापुरम के माखननगर में स्थित उनके पैतृक गांव आंखमऊ पहुंच गई। यहां कुछ देर बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
यहां पहुंचकर शरद यादव की पत्नी डा. रेखा और बेटी सुभाषिनी परिवार के अन्य लोगों से मिलीं, उनके सब्र का बांध टूट गया और वे जोर से बिलख पड़ीं। यह देख वहां मौजूद अन्य लोगों की भी आंखें भर आईं। फिलहाल शरद यादव की पार्थिव देह को पुश्तैनी मकान के परिसर में रखा गया है, जहां लोग उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल और पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी समेत बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं।
इससे पहले आज चार्टर्ड विमान के जरिए दिल्ली से भोपाल लाई गई। विमान दोपहर 12 बजे राजा भोज एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। यहां पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री पीसी शर्मा समेत कुछ अन्य गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सड़क मार्ग के जरिए भोपाल एयरपोर्ट से उनकी पार्थिव देह को उनके गृहग्राम आंखमऊ के लिए रवाना किया गया।
भोपाल एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि वह अचानक चले गए। मेरे तो पड़ोसी थे। मेरा गांव नर्मदा के इस पार था, उनका गांव नर्मदा के उस पार था। वे बचपन से प्रखर और जुझारू थे। अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले शरद भाई छात्र जीवन में ही राष्ट्रीय राजनीति में छा गए थे। वे जेपी के आंदोलन के प्रमुख स्तंभ थे। उन्होंने जेल में रहते हुए चुनाव जीता और भारत की राजनीति पर छा गए। उन्होंने 80-90 के दशक में राष्ट्रीय राजनीति की दशा बदली। मंडल कमीशन लागू कराने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका थी। समाज के कमजोर और पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए उन्होंने अपने जीवन को होम कर दिया था। वे ऐसे नेता थे कि जो गलत होता था, उसका विरोध करते थे। उन्होंने नैतिकता की राजनीति की। जब इंदिरा जी ने इमरजेंसी लगाई और संसद का कार्यकाल छह साल कर दिया था, तब शरद जी ने संसद से इस्तीफा देकर कहा था कि जनता ने हमें पांच साल के लिए चुना है, छह साल के लिए नहीं। एक अद्भुत नेता, जो अभी भी देश को बहुत कुछ दे सकता था, अचानक हमारे बीच से चला गया। मैं अपनी ओर से और प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं।
इससे पहले सुबह करीब साढ़े 11 बजे पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह शरद यादव को श्रद्धांजलि देने के लिए ओल्ड एयरपोर्ट पहुंचे। दिग्विजय के साथ उनके पुत्र व प्रदेश के पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष कैलाश मिश्रा भी साथ थे।