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मकर संक्रांति पर भगवान महाकाल को लगेगा तिल के पकवानों का भोग, पतंगों से सजेगा मंदिर।

उज्जैन के राजाधिराज भगवान महाकालेश्वर के दरबार में हर त्योहार की शुरूआत सबसे पहले होने की परंपरा रही है. इसी के तहत मकर संक्रांति पर्व पर भी सबसे पहले भगवान महाकाल को तिल से स्नान कराया जाएगा और उबटन लगाकर श्रृंगार होगा. बाद मे शहर के अन्य मंदिरों में तिल-गुड़ के व्यंजनों का भोग अर्पण कर आरती की जाएगी. श्री महाकालेश्वर मे होने वाली पूजन परंपरा के अनुसार मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर तड़के सुबह चार बजे भस्म आरती में भगवान महाकाल को तिल्ली से बने उबटन द्वारा स्नान कराया जाता है.इन दिनो सर्दी का मौसम है, इसलिए भगवान को गर्म जल से स्नान कराया जा रहा है. स्नान-ध्यान के उपरांत भगवान का भांग और सूखे मेवे से शृंगार कर नए वस्त्र व आभूषण धारण कराए जाएंगे. बाबा महाकाल को तिल्ली से बने पकवानों का भोग लगाकर आरती की जाएगी. इस अवसर पर मंदिर के गर्भगृह और नंदी हाल में पतंग से साज-सज्जा की जाएगी.*मकर संक्रांति 2023 पर यह रहेगा ग्रहों का विशेष योग*इस साल मकर संक्रांति 2023 पर सूर्य ग्रह के साथ ही साथ चंद्रमा, शनि, बुध और गुरु ग्रह भी मकर राशि में होंगे. ज्योतिष की मानें तो इस कारण से भी इस साल मकर संक्रांति तिथि बहुत ही शुभ होगी, जिसमें स्नान, दान और पूजा करने से पुण्यफल की प्राप्ति होगी. एक नहीं इस साल मकर संक्रांति परतीन खास संयोग बनेंगे. नववर्ष की शुरूआत होने के बाद मकर संक्रांति हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है जो कि भगवान सूर्य देव से संबंधित होता है. ज्योतिष के अनुसार, सूर्य हर माह राशि परिवर्तन करते हैं, लेकिन जिस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करते हैं उस दिन मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है

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