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परम् पिता परमेश्वर से मांगा वरदान
वर्ष का अंतिम दिन परम् पिता परमेश्वर अचानक मिल गये। सृष्टि का एक और साल समाप्त हो रहा था,वे बहुत प्रसन्न थे। मुझे देखते ही कह उठे, बेटा मैं खुश हूं। सालभर तेरे समर्पण, परिश्रम और त्याग ने मुझे मोहित कर लिया है। कोई वरदान मांग।* *मैं सहज ही कह उठा,प्रभु यदि देना ही है तो आने वाला वर्ष 2023 मेरे माता पिता,भाई बहन, रिश्तेदार, मित्र , परिचित और बच्चों सहित सभी के लिए सुखमय बीते,कभी किसी को को कोई दुःख तकलीफ कष्ट का सामना ना करना पड़े। बस ऐसा ही वरदान दे दो।* *परम् पिता परमेश्वर अंदर ही अंदर मुस्कुरा उठे और बोले "वर तो परमार्थ की भावना से युक्त है"।इसे मैंने अवश्य पूर्ण करूंगा मगर वर्ष में किसी चार दिन ही यह प्रभावशील होगा। बता कौन से दिनों की चाहत है।* *मैंने कह दिया सर्दी, गर्मी, बरसात और बसंत* *परमेश्वर चकरा उठे,वे कहने लगे नही नही कोई तीन दिन बता* *मैं बोला कल,आज और कल* *अब परमेश्वर भ्रमित हो गयें,वे बोले नही कोई दो दिन बता* *मैं बोला आज और आने वाला कल* *अब परमेश्वर जोर से मुस्कुरा रहे थे, उन्होंने कहा बस अब आखिरी बार कह रहा हूं कोई एक दिन बता* *मैंने भी तुरंत कह दिया "हर रोज"* *अब परमेश्वर जोर जोर से हंसने लगे, उन्होंने कहा अरे बस कर और मेरा पीछा छोड़। सभी माता पिता, भाई बहन, रिश्तेदार, परिचित, मित्र और बच्चे आते साल 2023 में सुखमय जीवन व्यतीत करेंगे ऐसा मेरा वरदान है। और तथास्तु कहकर वे अदृश्य हो गये।* *अगर यह संदेश आपको पसंद आया हो तो उन सभी व्यक्तियों को अग्रेषित करें जिन्हें आप अपना समझकर उनके हितों की कामना करते हैं।* *और घूमकर वापस आपको प्राप्त हो तो स्वयं को भाग्यशाली महसूस करें कि इस संसार में कोई तो आपका हितैषी हैं। रवीन्द्र सिंह सिकरवार दैनिक श्योपुर एक्सप्रेस एवं दैनिक सच टाइम्स चीफ एडिटर Happy New year 2023🙏🏻💐
