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चीन में कोरोना का हाहाकार को लेकर भारत ने की मदद भारत सरकार ने दवा भेजने की दी इजाजत
चीन में कोरोना की अबतक की सबसे घातक लहर आई है. हर दिन लाखों की संख्या में नए मरीज सामने आने से अस्पतालों में लोगों को बेड नहीं मिल रहे हैं तो वहीं दवाओं की भी किल्लत हो गई है. बिना दवाओं के लोग तड़प रहे हैं. अपने पड़ोसी को मुसीबत में देखकर भारत एक बार फिर से सामने आया है. भारत ने चीन में दवाएं भेजने का फैसला लिया है. भारत के दवा निर्यात निकाय के अध्यक्ष ने गुरुवार (22 दिसंबर) को कहा कि दुनिया के सबसे बड़े दवा निर्माताओं में से एक भारत ने कोरोना से जूझ रहे चीन की मदद करने का फैसला लिया है. भारत, चीन को बुखार की दवाएं देने के लिए तैयार है. भारतीय दवा कंपनियों को मिल रहे ऑर्डर चीन में कोरोना की लहर आने से वहां दवाओं की भारी किल्लत हो गई है. डिमांड पूरी करने के लिए दवा कंपनियों में ओवर टाइम कराया जा रहा है. चीनी सरकार ने बुखार, बदन दर्द और सिर दर्द की दवाएं फ्री में देने का एलान किया है. इस बीच भारत ने भी चीन को बुखार की दवाएं भेजने की इजाजत दे दी है. फार्मास्युटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (फार्मेक्सिल) के चेयरपर्सन साहिल मुंजाल ने रॉयटर्स को बताया, "इबुप्रोफेन और पेरासिटामोल दवा बनाने वाली कंपनियों के पास चीन से ऑर्डर आ रहे हैं." भारत सरकार ने दवा भेजने की दी इजाजत उन्होंने कहा, "चीन में इस समय इबुप्रोफेन और पेरासिटामोल की भारी डिमांड है, वहां लोग इन दवाओं की कमी का सामना कर रहे हैं." वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन की मदद करने के लिए भारत तैयार है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हम चीन में COVID की स्थिति पर नजर रख रहे हैं. चीन को दवा भेजने के सवाल पर उन्होंने कहा, "हमने दुनिया के फार्मेसी के रूप में अन्य देशों की हमेशा मदद की है." भारत से ऑनलाइन मंगा रहे हैं दवाएं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के बाजारों में एंटी वायरल दवाओं की भारी किल्लत मच गई है. इबुप्रोफेन और पेरासिटामोल जैसी एंटीवायरल दवाओं की कमी की वजह से अफरातफरी मची हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वायरल दवाओं की कम आपूर्ति और जमाखोरी से चीन के बाजारों में दवाओं की कमी हो गई. चीनी सोशल मीडिया पोस्ट और अखबारों की रिपोर्ट से पता चलता है कि चीन के लोग अब उन दवाओं को खरीद रहे हैं, जिन्हें चीन में बेचने की इजाजत नहीं है. इसके लिए चीनी ऑनलाइन स्टोर्स का सहारा ले रहे हैं.
