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मध्यप्रदेश

शराब नीति पर उमा भारती ने क्यों कहा मैं खुले जंगल का बाघ वो वन विहार के शेर, जानिए पार्टी पदाधिकारियों को क्या दी सलाह

खंडवा : मध्य प्रदेश के खंडवा पहुंची प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता उमा भारती ने शराब नीति पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार से बात हुई है और सहमति बनी है कि नई शराब नीति में उनकी बातों को भी ध्यान में रखा जाएगा। बातों ही बातों में उमा भारती ने सरकार को खुली चुनौती भी दे दी उमा भारती ने कहा कि मैंने पार्टी के लोगों से सांसद और विधायकों से बात की है और उन्हें अंदर ही अंदर शराब नीति को लेकर आवाज उठाने के लिए कहा है। क्योंकि वह वन विहार के शेर हैं और मैं जंगल का बाघ। मैं खुल कर बोलूंगी तुम मर्यादा में रहकर अंदर ही अंदर बोलो।

उमा भारती से पूछा गया कि प्रदेश में नशाबंदी या शराबबंदी? उन्होंने कहा कि दोनों ही अलग चीजें हैं। नशा एक ऐसी चीज है जिसमें सरकार और समाज एक साथ लड़ेंगे और शराब ऐसी चीज है जिसमें कुछ चीजें सरकार के हाथ में हैं जैसे वितरण प्रणाली। नशे को सरकार नहीं बढ़ाती लेकिन सरकार आपको बढ़ाती है। मैं हमेशा मानती हूं कि इस धरती पर एक भी व्यक्ति शराब ना पिए इसलिए आप मेरी पूछोगे तो मैं कहूंगी कि शराब होनी ही नहीं चाहिए। लेकिन सरकार का कहना था कि हम वितरण प्रणाली को नियंत्रित कर सकते हैं। इसलिए मैंने उनसे कहा कि कम से कम इसी से शुरुआत करो। उमा भारती ने कहा कि कोई भी धार्मिक स्थान, स्कूल, मजदूरों के स्थान, अस्पताल और न्यायालय इनके पास अहाते तो हो ही नहीं सकते। खुले में आप किसी को बिठाकर शराब पिला ही नहीं सकते, क्योंकि वह पीकर जाएगा तो या तो पैदल जाएगा या वाहन से जाएगा और वाहन चलाकर जाएगा तो ये भी सीधे-सीधे कानून का उल्लंघन है। क्योंकि शराब पीकर वाहन चलाना मना है। लेकिन दुर्भाग्य है कि जब यह नीति घोषित हुई उस समय मैं गंगा की यात्रा पर थी, यह बहुत खराब नीति है।

उमा  भारती ने कहा कि 500 मीटर की दूरी कोई दूरी होती है। मैंने तो उस समय अधिकारियों से कहा कि 50 मीटर की दूरी हो तो तुम्हारे बंगले के अंदर भी शराब की दुकान खोली जा सकती है। क्या तुम को इसकी कोई परवाह नहीं की मां बहनों बेटियों का क्या होगा। इसलिए शिवराज और हम एकमत हुए और फिर तय हुआ कि जो नई नीति बनने वाली है। उसमें इन सारी बातों का ध्यान रख कर के ही नई वितरण प्रणाली होगी। जिसमें इन सारे स्थानों की मर्यादाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

उमा ने कहा कि यह तो अभी तक की बात है। मैं तो पार्टी के लोगों से सांसदों विधायकों से बोल रही हूं। मैंने पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि मर्यादा के अंदर तुम बात कहो। मैंने उनसे कहा कि तुम वनविहार के शेर हो और मैं खुले जंगल का बाघ। इसलिए मैं खुले में बोलूंगी और तुम अंदर ही अंदर बोलो ताकि ऐसी स्थिति बन जाए। शिवराज जी भी चाहते हैं, हम भी चाहते हैं, बीडी शर्मा जी भी चाहते हैं। तीनों इस मामले में एक मत हैं कि नई शराब नीति में वह सारी बात होगी जो उस दिन हुई थी।

उमा से जब पूछा गया कि शराब दुकान शॉपिंग माल में बन गई है तो क्या आप डंडा लेकर निकलेंगी तो उन्होंने कहा कि अभी जब नई शराब नीति बन रही है। उसमें हमारी कही बातें शामिल होगी तो फिर जरूरत नहीं होगी कि डंडा लेकर निकले।

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