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मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले से महिला नसबंदी शिविर की शर्मनाक तस्वीरें सामने आई हैं. जिम्मेदारों ने अस्पताल में बेड और स्ट्रेचर के इंतजाम करने की बजाए जमीन पर लिटाकर महिलाओं की नसबंदी की।

मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले से महिला नसबंदी शिविर की शर्मनाक तस्वीरें सामने आई हैं. जिम्मेदारों ने अस्पताल में बेड और स्ट्रेचर के इंतजाम करने की बजाए जमीन पर लिटाकर महिलाओं की नसबंदी की जा रही है. अस्पताल में 9 डिग्री टेंपरेचर के बीच महिलाएं ठंड से ठिठुरती रही, अस्पताल प्रशासन ने कंबल-गद्दे तक का इंतजाम नहीं किया. अब आरोप लग रहे हैं कि टारगेट को पूरा करने के चक्कर में बदहाल इंतजामों के बीच यह शिविर आयोजित किया गया है. मामला जिला मुख्यालय से 150 किलोमीटर दूर विजयपुर के सामुदायिक अस्पताल का है, जहां गुरुवार से दो दिवसीय महिला नसबंदी शिविर आयोजित किया गया है. इस शिविर में बीते गुरुवार को 77 महिलाओं की नसबंदी की जा चुकी है, शुक्रवार को सुबह 11 बजे तक 17 महिलाओं की नसबंदी हो चुकी है. गोद में उठाकर महिलाओं को ले जा रहे परिजन हैरान कर देने वाली बात है कि इस शिविर में महिलाओं को लिटाने के लिए न तो बेड हैं, नहीं उन्हें लाने ले जाने के लिए स्ट्रेचर और एंबुलेंस का इंतजाम. इन हालातों में महिलाओं को जमीन पर लेटा कर उनकी नसबंदी की जा रही है. महिलाओं को लाने ले जाने का काम उनके परिजन कर रहे हैं. स्ट्रेचर नहीं होने की वजह से नसबंदी कराने वाली महिलाओं को उनके महिला और पुरुष परिजन हाथ पैर पकड़ कर और गोदी में उठा कर गाड़ियों तक पहुंचा रहे हैं. इस खींचतान में महिलाओं को चोट भी लग सकती है और उनकी जान को भी जोखिम हो सकता है. लेकिन, जिम्मेदारों को उनकी जान से ज्यादा सिर्फ टारगेट पूरा करने की परवाह है. नसबंदी के दौरान महिलाओं को जमीन पर लिटाया गया नसबंदी शिविर में विजयपुर अस्पताल में बेड के इंतजाम नहीं होने की वजह से महिलाओं को जमीन पर लिटाया गया. इस दौरान उनके लिए गद्दा रजाई तक के इंतजाम नहीं किए गए. इस वजह से महिलाएं ठंड से ठिठुरते रहीं, बाद में परेशान परिजनों ने किराए पर कंबल आदि के इंतजाम करके जमीन पर पड़ी महिलाओं को कंबल दिया. बीती रात तो बिजली नहीं होने की वजह से अंधेरे में महिलाओं का उपचार किया गया. सिस्टम की इस शर्मनाक तस्वीरों को आप हमारी टीवी स्क्रीन पर स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि किस तरह से स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने लापरवाही की सारी हदें पार करके यह शिविर आयोजित किया गया है. इंतजामों की कमी की वजह से किसी भी महिला की जान पर भी बन सकती है. नियमों को ताक पर रखकर की जा रही नसबंदी विजयपुर की नसबंदी शिविर में श्योपुर से आए दो डॉक्टर दिन-रात नसबंदी करने में जुटे हैं. यानि यह कहा जा सकता है कि वह नियमों से ऊपर हटकर और अपनी कैपेसिटी से भी कई गुना ज्यादा नसबंदी कर चुके हैं. इस बारे में महिलाओं के परिजनों का कहना है कि यहां व्यवस्था के नाम पर कोई इंतजाम नहीं है. महिलाओं को जमीन पर लिटाया जा रहा है, स्ट्रेचर तक नहीं है. बहुत परेशानी आ रही है। इस बारे में सीएमएचओ डॉ बीएल यादव से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका है क्योंकि, वह नसबंदी करने में व्यस्त हैं.

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