ब्रेकिंग
गुजरात के खेड़ा जिले में नहाने गए छह भाई-बहन, एक-एक कर के लील गई नदी, गर्मी से राहत की जगह मिली मौत उज्जैन स्लीपर बस पलटी गर्भवती महिला सहित 9 घायल केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,...
मुख्य समाचार

चंबल के डकैतों के आराध्य अचलेश्वर महादेव की कथा, धौलपुर में स्थित यह विचित्र शिवलिंग।

चंबल के डकैतों के आराध्य अचलेश्वर महादेव की कथा, धौलपुर में स्थित यह विचित्र शिवलिंग यह मंदिर 1875 का बना बताया जाता है। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि यह मंदिर उससे भी सैंकड़ों साल पुराना है, लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक यह 1875 के आस पास का ही बताया जाता है। उस जमाने में यहां डकैतों का राज था और बीहड़े में आने से लोग कतराते थे।सुबह में शिवलिंग का रंग लाल रहता है, दोपहर को केसरिया रंग का हो जाता है, और जैसे-जैसे शाम होती है शिवलिंग का रंग सांवला हो जाता है। धौलपुर में स्थित यह विचित्र शिवलिंग यह चमत्कारी शिवलिंग राजस्थन के धौलपुर जिले में स्थित है। घौलपुर जिला राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है। यह इलाका चम्बल के बीहड़ों के लिये प्रसिद्ध है। इन्ही दुर्गम बीहड़ो के अंदर स्थित है, भगवान अचलेश्वर महादेव का मन्दिर जहां होने वाले इस चमत्कार का रहस्य आज तक कोई नहीं जान पाया है। भगवान अचलेश्वर महादेव का यह मन्दिर हजारों साल पुराना है। चूंकि यह मंदिर बीहड़ों मे स्थित है और यहाँ तक पहुचने क रास्ता बहुत ही पथरीला और उबड-खाबड़ है इसलिए पहले यहाँ बहुत ही कम लोग पंहुचते थे परन्तु जैसे-जैसे भगवान के चमत्कार कि खबरे लोगो तक पहुँची यहाँ पर भक्तों कि भीड़ जुटने लगी। गहराई का पता नहीं चल पाया इसलिए अचलेश्वर महादेव इस शिवलिंग कि एक और अनोखी बात यह है कि इस शिवलिंग के छोर का आज तक पता नहीं चला है। कहते है बहुत समय पहले भक्तों ने यह जानने के लिए कि यह शिवलिंग जमीं मे कितना गड़ा है, इसकि खुदाई करी, पर काफी गहराई तक खोदने के बाद भी उन्हे इसके छोर का पता नहीं चला।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button